PM बोले-लीडरशिप पर विवेकानंद का मंत्र लेकर आगे बढ़ना है:उन्होंने कहा था- मेरे पास 100 लीडर्स हों तो देश को नंबर वन बना सकता हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के भारत मंडपम में SOUL (स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप) कॉन्क्लेव के पहले एडिशन का इनॉगरेशन किया। प्रधानमंत्री ने कहा- किसी भी देश के निर्माण के लिए वहां के व्यक्ति यानी नागरिकों का विकास जरूरी है। PM ने कहा- किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, तो आरंभ जन से ही शुरू होता है। हर क्षेत्र में बेहतरीन लीडर्स का विकास बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है। इसलिए SOUL की स्थापना 'विकसित भारत' की विकास यात्रा में एक बहुत महत्वपूर्ण और बड़ा कदम है। उन्होंने कहा- स्वामी विवेकानंद जी भारत को गुलामी से बाहर निकालकर बदलाव लाना चाहते थे। उनका विश्वास था कि अगर 100 लीडर उनके पास हों, तो वह भारत को आजादी ही नहीं, बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी मंत्र को लेकर हम सबको आगे बढ़ना है। SOUL में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी शामिल हुए हैं। उनके आने पर पीएम मोदी ने कहा- भूटान के राजा का आज जन्मदिन होना और हमारे यहां ये अवसर होना। ये अपने आप में सुखद संयोग हैं। भूटान के पीएम को यहां भेजने में बहुत बड़ा रोल है। इसके लिए मैं उनका भी हृदय से धन्यवाद करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी की स्पीच की 6 बातें... 1. हमें हर मोर्चे पर बेहतर नेतृत्व की जरूरत PM ने कहा- आज हर भारतीय 21वीं सदी के 'विकसित भारत' के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे 140 करोड़ देश में हर सेक्टर में, हर कार्यक्षेत्र में, जीवन के हर आधार में हमें उत्तम से उत्तम नेतृत्व की आवश्यकता है। कुछ आयोजन ऐसे होते हैं, तो हृदय के बहुत करीब होते हैं और आज का ये SOUL प्रोग्राम भी ऐसा ही है। 2. नवाचार बढ़ाने वाले संसाधनों की आवश्यकता उन्होंने कहा- किसी भी देश को प्रगति करने के लिए न केवल प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है, बल्कि मानव संसाधनों की भी आवश्यकता होती है। 21वीं सदी में हमें ऐसे संसाधनों की आवश्यकता है जो नवाचार को बढ़ावा दे सकें और कौशल को प्रभावी ढंग से चैनल कर सकें। हमें वैज्ञानिक रूप से नेतृत्व विकास में तेजी लानी चाहिए। 3. भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है PM ने कहा- भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, और यह गति हर क्षेत्र में तेज हो रही है। इस वृद्धि को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए हमें विश्व स्तरीय नेताओं की आवश्यकता है। SOUL संस्थाएं इस परिवर्तन में एक गेम-चेंजर हो सकती हैं। इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान सिर्फ एक विकल्प नहीं हैं, बल्कि एक जरूरत हैं। 4. हमें ग्लोबल थिंकिंग, लोकल अप-ब्रिंगिंग के साथ बढ़ना है प्रधानमंत्री ने कहा- आने वाले समय में जब हम डिप्लोमेसी से टेक इनोवेशन तक एक नई लीडरशिप को आगे बढ़ाएंगे तो सभी क्षेत्रों में भारत का प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा। यानी एक तरह से भारत का पूरा विजन और भविष्य एक मजबूत नेतृत्व पीढ़ी पर निर्भर है, इसलिए हमें ग्लोबल थिंकिंग और लोकल अप-ब्रिंगिंग के साथ आगे बढ़ना है। 5. दुनिया से प्रतिस्पर्धा के लिए हमें स्मार्ट लीडर्स चाहिए हमें ऐसे व्यक्तियों को तैयार करने की आवश्यकता है जो भारतीय मानसिकता के साथ अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को समझते हों। इन नेताओं को रणनीतिक निर्णय लेने, संकट प्रबंधन और भविष्य की सोच में पारंगत होना चाहिए। वैश्विक बाजार और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें ऐसे लीडर्स की आवश्यकता है जो वैश्विक व्यापार की गतिशीलता को समझते हों। यह SOUL का काम है। 6. पॉलिसी मेकिंग को वर्ल्ड क्लास बनाना होगा पीएम मोदी ने कहा- हमारी पॉलिसी मेकिंग को वर्ल्ड क्लास बनाना होगा। यह तभी हो पाएगा, जब हमारे पॉलिसी मेकर्स, ब्युरोक्रेट्स और ऑन्त्रप्रेन्योर अपने पॉलिसी को ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के साथ जोड़कर फ्रेम कर पाएंगे। इसमें SOUL जैसे संस्थान की बड़ी भूमिका होगी। अगर हमें विकसित भारत बनना है तो हर क्षेत्र में तेज गति से आगे बढ़ना होगा। SOUL क्या है स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) गुजरात का इंस्टीट्यूशन है। इसका मकसद भारतीय राजनीति में ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना है, जो पॉलिटिकल बैकग्राउंड से नहीं आते हैं। बल्कि वे अपनी लीडरशिप क्वालिटी, योग्यता और सामाजिक सेवा के माध्यम से कुछ नया करना चाहते हैं। भारत मंडपम में चल रहा आयोजन 21 और 22 फरवरी दो दिन का है। इस कॉन्क्लेव में पॉलिटिक्स, स्पोर्ट्स, आर्ट और मीडिया, आध्यात्मिक दुनिया, बिजनेस और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग अपना एक्सपीरियंस शेयर करेंगे। ---------------------------------------------------- PM मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... परीक्षा पे चर्चा-PM ने फोकस के लिए दिया क्रिकेट मंत्र: कहा- सिर्फ बॉल पर फोकस करें, शोर पर नहीं परीक्षा पे चर्चा के आठवें एडिशन में PM नरेंद्र मोदी ने 10वीं ओर 12वीं के स्टूडेंट्स से बोर्ड एग्जाम्स को लेकर बातचीत की। PM ने स्टूडेंट्स से कहा- सबसे पास दिन में 24 घंटे ही होते हैं। कोई इतने ही समय में सब-कुछ कर लेता है, तो कोई यही कहता रहता है कि समय नहीं है। ऐसे में टाइम मैनेजमेंट सीखना बहुत जरूरी है। पढ़ें पूरी खबर...
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PM बोले-लीडरशिप पर विवेकानंद का मंत्र लेकर आगे बढ़ना है
प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक बैठक में कहा कि हमें लीडरशिप पर स्वामी विवेकानंद का मंत्र लेकर आगे बढ़ना चाहिए। उनके अनुसार, यदि मेरे पास 100 लीडर्स हों, तो मैं अपने देश को नंबर वन बना सकता हूँ। यह बयान भारत के नेतृत्व और विकास में विवेकानंद की महत्वाकांक्षा को उजागर करता है।
स्वामी विवेकानंद का दृष्टिकोण
स्वामी विवेकानंद ने जीवन के कई पहलुओं को गहराई से समझा और उन्होंने युवाओं को चेतना और नेतृत्व के लिए प्रेरित किया। उनके सिद्धांतों में कार्य की महत्ता, सकारात्मकता और आयोग्यता का उल्लेख होता है। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि अगर हम इन सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारें, तो देश में न केवल मानवीय मूल्य बढ़ेंगे, बल्कि राष्ट्रव्यापी विकास भी होगा।
समाज के लिए नेतृत्व का महत्व
PM का मानना है कि सही दिशा में नेतृत्व करने से समाज में सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है। विवेकानंद की लीडरशिप के सिद्धांतों का अनुसरण कर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अगर हमारे पास ऐसे लीडर्स हों, जो समाज के प्रति संवेदनशील और सक्रिय हों, तो हम समस्याओं का समाधान कर पाएंगे।
प्रगति की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री ने सभी लीडर्स से अपील की कि वे विवेकानंद के विचारों को अपने कार्य में शामिल करें और एक सामान्य लक्ष्य की ओर अग्रसर हों। यह सभी के जीवन में बदलाव लाने का सही समय है। उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि नेतृत्व की गुणवत्ताएँ केवल नेताओं पर नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति पर लागू होती हैं।
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