एयरफोर्स चीफ बोले-एक भी डिफेंस प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं:कॉन्ट्रैक्ट करते समय पता होता है, पूरा नहीं होगा; फिर ऐसे वादे क्यों करना
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने गुरुवार को डिफेंस सिस्टम की खरीद और डिलीवरी में हो रही देरी पर कहा कि ऐसा एक भी प्रोजेक्ट नहीं है, जो समय पर पूरा हुआ हो। ये सोचने वाली बात है कि हम ऐसा वादा क्यों करते हैं, जिसे पूरा ही नहीं किया जा सकता। कई बार कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय ही पता होता है कि ये समय पर नहीं होगा, फिर भी साइन कर देते हैं, जिससे पूरा सिस्टम खराब हो जाता है। यह पहला मौका है जब किसी सेना प्रमुख ने सिस्टम पर इस तरह से सवाल उठाया हो। CII एनुअल बिजनेस समिट में एयर चीफ मार्शल ने कहा;- टाइमलाइन एक बड़ा मुद्दा है। समय से डिफेंस प्रोजेक्ट पूरा न होने की वजह से ऑपरेशनल तैयारी पर असर पड़ता है। इससे पहले 8 जनवरी को भी एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने तेजस लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि 40 जेट अभी तक फोर्स को नहीं मिले हैं। जबकि चीन जैसे देश अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं। तेजस, AMCA और Mk2 की डिलीवरी भी लेट है एयर चीफ ने बताया कि फरवरी 2021 में HAL के साथ तेजस MK1A फाइटर जेट के लिए ₹48,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था। डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन आज तक एक भी विमान नहीं आया। तेजस MK2 का प्रोटोटाइप भी अभी तक तैयार नहीं हुआ है। एडवांस्ड स्टेल्थ फाइटर AMCA का भी अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। आज की जरूरत आज ही पूरी करनी होगी एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि हमें आज के लिए तैयार रहना होगा, तभी भविष्य के लिए भी तैयार हो सकेंगे। आने वाले 10 साल में इंडस्ट्री से ज्यादा आउटपुट मिलेगा, लेकिन जो जरूरत आज है, वो आज पूरी होनी चाहिए। हम सिर्फ भारत में मैन्युफैक्चरिंग के बारे में बात नहीं कर सकते। हमें डिजाइनिंग के बारे में भी बात करनी होगी। हमें सेना और इंडस्ट्री के बीच भरोसे की जरूरत है। हमें बहुत खुलापन दिखाने की जरूरत है। एक बार जब हम किसी चीज के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं, तो हमें उसे पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा;- युद्ध तब जीते जाते हैं जब हमारी सेनाएं मजबूत होती हैं। उन्हें मजबूत बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। ऑपरेशन सिंदूर राष्ट्रीय जीत है एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं। हर दिन, नई टेक्नालॉजी आ रही है। ऑपरेशन सिंदूर ने हमें ये बताया कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और भविष्य में हमें क्या चाहिए। इसलिए हमें बहुत काम करने की जरूरत है, तभी हम भविष्य में भी अपने मकसद को हासिल करने में सक्षम होंगे। एयर चीफ ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय जीत बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और ताकत का प्रतीक है। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। स्वदेशी फाइटर जेट हैं- तेजस, AMCA और Mk2 क्या है ऑपरेशन सिंदूर? 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी। ----------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... PM बोले- ऑपरेशन सिंदूर कैमरे के सामने किया, ताकि कोई सबूत न मांगे; पाकिस्तान ने आतंकियों के जनाजे में अपने झंडे लहराए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बात की। उन्होंने कहा, 'हमने आतंकवाद के 9 ठिकाने तय करके 22 मिनट में उन्हें ध्वस्त कर दिया। और ये सब कुछ कैमरे के सामने किया, ताकि कोई सबूत न मांगे।' पूरी खबर पढ़ें...

एयरफोर्स चीफ बोले-एक भी डिफेंस प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं
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लेखिका: सिता शर्मा, निलम कौशिक, टीम धर्मयुद्ध
हाल ही में एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने डिफेंस सिस्टम की खरीद और डिलीवरी में हो रही अत्यधिक देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा कोई भी डिफेंस प्रोजेक्ट नहीं है, जो समय पर पूरा हुआ हो। ऐसे में यह सवाल उठता है कि हम ऐसे वादे क्यों करते हैं, जिन्हें पूरा करना असंभव होता है। यह पहली बार है जब किसी सेना प्रमुख ने इतनी खुलकर डिफेंस खरीद प्रक्रिया में मौजूद खामियों पर सवाल उठाया है।
डिफेंस प्रोजेक्ट्स की चुनौतियां
सीआईआई एनुअल बिजनेस समिट में दिए अपने एक वक्तव्य में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि टाइमलाइन का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारी पर समय पर डिफेंस प्रोजेक्ट्स पूरे न होने का प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि तेजस लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में अत्यधिक देरी हुई है और यह चिंता का विषय है। पिछले कुछ महीनों में, एयर चीफ ने बार-बार इस मुद्दे पर अपना दृष्टिकोण रखा है।
कॉन्ट्रैक्ट प्रक्रिया में खामियां
एयर चीफ ने यह भी कहा कि बहुत से कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय यह पता होता है कि प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं होगा, फिर भी उन पर हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। इससे सारा सिस्टम बाधित हो जाता है, और हमें इसके प्रति गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, फरवरी 2021 में HAL के साथ तेजस MK1A फाइटर जेट के लिए ₹48,000 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था, जिसमें डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन आज तक एक भी विमान नहीं आया है।
स्वदेशी प्रौद्योगिकी की जरूरत
एयर चीफ मार्शल ने यह भी कहा कि हमें आज की तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले 10 वर्षों में इंडस्ट्री से अधिक आउटपुट मिलेगा, लेकिन जो जरूरत आज है, उसे पूरा करना आवश्यक है। हमें इस दिशा में विचार करने की जरूरत है कि हम केवल मैन्युफैक्चरिंग पर नहीं, बल्कि डिजाइनिंग पर भी ध्यान दें।
भारत की सैन्य रणनीति में बदलाव की आवश्यकता
उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध के तौर-तरीके बदल रहे हैं और नई तकनीकों का आगमन हो रहा है। इसका उदाहरण हाल ही में किए गए ऑपरेशन सिंदूर में देखा गया है, जिसे उन्होंने राष्ट्रीय जीत बताया। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता और ताकत का प्रतीक है। लेकिन क्या हम भविष्य के लिए भी इसी तरह की तैयारियों को जारी रख पाएंगे? यह सवाल सबके सामने है।
निष्कर्ष
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह के वक्तव्यों ने डिफेंस प्रोजेक्ट्स की स्थिति पर गहन विचार करने की जरूरत को उजागर किया है। क्या प्रशासन और उद्योग के बीच परस्पर विश्वास की कमी है जो तय समय सीमा में प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में कमी कर रही है? हमें ऐसे कई प्रश्नों पर विचार करना आवश्यक है, जिनका समाधान केवल समय पर और सक्षम निर्णय लेने से ही संभव होगा।