कश्मीर के लिए पहली ट्रेन आज से कटरा से शुरू:हफ्ते में 6 दिन चलेगी, IRCTC वेबसाइट से बुकिंग; चेयरकार का किराया ₹715, एक्जीक्यूटिव क्लास ₹1320
कश्मीर को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाली पहली ट्रेन कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस में पहली बार सफर करने के लिए यात्री कटरा स्टेशन पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसका उद्घाटन किया था। PM ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब पुल और देश के पहले केबल स्टे अंजी ब्रिज का भी इनॉगरेशन किया था। कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस की टिकट IRCTC की वेबसाइट से बुक की जा सकती है। ट्रेन में दो ट्रैवल क्लास हैं। चेयरकार का किराया 715 रुपए और एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1320 रुपए है। हफ्ते में 6 दिन दो ट्रेनें कटरा और श्रीनगर के बीच चलेंगी। ये अभी ट्रेनें सिर्फ बनिहाल में रुकेंगी, अन्य स्टॉपेज पर फैसला बाद में होगा। सबसे पहले कटरा रेलवे स्टेशन की 5 तस्वीरें... 10 घंटे का सफर करीब 3 घंटे में पूरा होगा आजादी के 76 साल पूरे होने के बाद भी कश्मीर घाटी बर्फबारी के सीजन में देश के दूसरे हिस्सों से कट जाती है। बर्फबारी होने पर नेशनल हाईवे-44 बंद होने से कश्मीर घाटी जाने का भी बंद हो जाता है। इसके अलावा भी सड़क के रास्ते जम्मू से कश्मीर जाने में 8 से 10 घंटे का समय लग जाता था। ट्रेन शुरू होने से यह सफर करीब तीन घंटे में पूरा हो जाएगा। रूट पर दो ट्रेन चलेंगी। पहली ट्रेन कटरा से सुबह 8:10 बजे चलेगी और सुबह 11:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी। यही ट्रेन दोपहर 2 बजे श्रीनगर से वापस आएगी और शाम 5:05 बजे कटरा पहुंचेगी। ये ट्रेनें (26401/26402) मंगलवार को नहीं चलेंगी। वहीं, दूसरी ट्रेन दोपहर 2:55 बजे कटरा से चलेगी और शाम 6:00 बजे श्रीनगर पहुंचेगी। यही ट्रेन अगले दिन सुबह 8 बजे श्रीनगर से वापस आएगी और सुबह 11:05 पर कटरा पहुंच जाएगी। ये ट्रेनें (26403/26404) बुधवार को नहीं चलेंगी। अगस्त-सितंबर तक नई दिल्ली-श्रीनगर ट्रेन शुरू करने का प्लान कटरा-श्रीनगर ट्रेन कश्मीर को पूरे साल रेलवे के जरिए जोड़े रखने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण है। अगले चरणों में नई दिल्ली से जम्मू होते हुए श्रीनगर तक वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनें चलाने की योजना है। नई दिल्ली-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस के इस साल अगस्त या सितंबर से शुरू करने की तैयारी है। हालांकि, एक ही ट्रेन नई दिल्ली से सीधे श्रीनगर नहीं जाएगी। यात्रियों को नई दिल्ली से कटरा पहुंचने पर ट्रेन बदलनी पड़ेगी। यहां उनकी सुरक्षा जांच होगी। इस प्रक्रिया में 2-3 घंटे लग सकते हैं। इसके बाद यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर एक पर वापस आना होगा। यहां से दूसरी ट्रेन श्रीनगर के लिए रवाना होगी। श्रीनगर से नई दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी इसी प्रक्रिया से गुजरना होगा। चिनाब ब्रिज प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगे 22 साल कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्से से पूरे साल रेलवे के जरिए जोड़े रखने के लिए 1997 में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट शुरू हुआ था। इसे पूरा होने में 28 साल से ज्यादा लग गए। चिनाब ब्रिज 43 हजार 780 करोड़ रुपए की लागत से बने इसी USBRL प्रोजेक्ट का हिस्सा है। उधमपुर से बारामूला 272 किमी लंबी इस रेललाइन में 36 सुरंगें हैं। कुल लंबाई 119 किमी है। इसमें 12.77 किमी लंबी T-49 टनल देश की सबसे लंबी ट्रांसपोर्ट टनल है। इस ट्रैक पर 943 पुल हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किमी है। रियासी जिले में बक्कल और कौड़ी के बीच ब्रिज बनाने के लिए 2003 में मंजूरी मिली थी। शुरुआती प्लान के मुताबिक इसे 2009 तक तैयार हो जाना था, लेकिन इसे पूरा होने में 22 साल लग गए। कंस्ट्रक्शन और सेफ्टी से जुड़ी चुनौतियों की वजह से प्रोजेक्ट और डिजाइन का रिव्यू करके अप्रूवल लेने में ही 2009 बीत गया। फिर 2010 में इस पर काम शुरू हो सका। अगस्त, 2022 में ब्रिज का काम पूरा हुआ और फरवरी, 2023 में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हुआ। 20 जून, 2024 को संगलदान से रियासी स्टेशन के बीच पहली बार ट्रेन का ट्रायल रन किया गया। भारत का पहला रेलवे केबल पुल भी USBRL प्रोजेक्ट का हिस्सा भारतीय रेलवे ने इस प्रोजेक्ट के जरिए एक और उपलब्धि हासिल की है। अंजी खड्ड पर बना पुल भारत का पहला केबल स्टे रेल ब्रिज है। यह पुल नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर बना है। 1086 फीट ऊंचा एक टावर इसे सहारा देने के लिए बनाया गया है, जो करीब 77 मंजिला बिल्डिंग जितना ऊंचा है। यह ब्रिज अंजी नदी पर बना है जो रियासी जिले को कटरा से जोड़ता है। चिनाब ब्रिज से इसकी दूरी महज 7 किमी है। इस पुल की लंबाई 725.5 मीटर है। इसमें से 472.25 मीटर का हिस्सा केबल्स पर टिका हुआ है। टूरिज्म और एक्सपोर्ट को फायदा, सेना तक तेजी से हथियार पहुंचेंगे ट्रेन शुरू होने से अब देश के अलग-अलग हिस्सों से टूरिस्ट आसानी और कम खर्च में कश्मीर जा सकेंगे। साथ ही अभी कश्मीर से सेब और चेरी जैसे फल दिल्ली भेजने में दो-तीन दिन लगते हैं। बर्फबारी या पहाड़ धंसने जैसी स्थिति में रास्ते बंद होने पर समय और बढ़ जाता है। अब यह समस्या हल हो जाएगी। चेरी जैसे फल जो जल्दी खराब हो जाते हैं, उन्हें देशभर में अच्छा दाम मिल सकेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट सेना के लिए भी बहुत अहम है। डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक एक्सपर्ट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी बताते हैं, ‘हमारी सामरिक और सैन्य क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा होगा। आर्म्स, एम्यूनिशन, राशन बॉर्डर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। रेल कनेक्टिवटी से कश्मीर में सेना का मूवमेंट भी तेजी से हो सकेगा।’ -------------------------------------------------------------- कश्मीर के लिए पहली ट्रेन से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... कारगिल जंग के बाद चिनाब ब्रिज को मंजूरी मिली, भारत में बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज 1892 में अंग्रेजों ने जम्मू से कश्मीर तक रेल लाइन बिछाने की कोशिश की। चीन से व्यापार को बेहतर करने के लिए इस पूरे इलाके में रेल लाइन बिछाई जा रही थी, लेकिन कुछ खास हासिल नहीं हुआ। 20वीं सदी की शुरुआत में कश्मीर के राजा प्रताप सिंह ने जम्मू और श्रीनगर के बीच एक रेल लिंक की नींव रखी

कश्मीर के लिए पहली ट्रेन आज से कटरा से शुरू: हफ्ते में 6 दिन चलेगी, IRCTC वेबसाइट से बुकिंग; चेयरकार का किराया ₹715, एक्जीक्यूटिव क्लास ₹1320
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - dharmyuddh
कश्मीर को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाली पहली ट्रेन, कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस, आज से अपनी यात्रा शुरू कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इसका उद्घाटन किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करना है, जिससे पर्यटन, व्यापार और संबंहित सेवाओं में सुधार होगा।
ट्रेन सेटअप और यात्रा समय
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हफ्ते में 6 दिन चलेगी और किसी भी मंगलवार को सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। यात्रा का समय लगभग 3 घंटे है, जिसमें कटरा से श्रीनगर जाने वाली ट्रेन पहली बार इस रूट पर सफर करते हुए यात्री कटरा स्टेशन पहुँच रहे हैं। ट्रेन की पहली यात्रा सुबह 8:10 बजे कटरा से शुरू होकर सुबह 11:10 बजे श्रीनगर पहुँचेगी। दूसरी ट्रेन कटरा से 2:55 बजे चलेगी और शाम 6:00 बजे श्रीनगर पहुँचेगी। इन ट्रेनों में चेयरकार का किराया ₹715 है, जबकि एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया ₹1320 है।
IRCTC से बुकिंग और सुविधाएँ
यात्री अब IRCTC की वेबसाइट पर जाकर अपनी सीट बुक कर सकते हैं। भारतीय रेलवे के प्रयासों के मुताबिक, यह नई ट्रेन कश्मीर को साल भर रेलवे के जरिए जोड़ने के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का पहला चरण है। अगले चरण में नई दिल्ली से जम्मू होते हुए श्रीनगर तक अन्य वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना है।
सामरिक और आर्थिक महत्व
इस प्रोजेक्ट का एक और खास पहलू यह है कि यह कश्मीर घाटी की सामरिक और आर्थिक विकास में भी बहुत मददगार साबित होगा। डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी ने बताया कि इस रेलवे कनेक्टिविटी से सेना के लिए साजो-सामान और रसद की आपूर्ति में तेजी आएगी, जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
तमाम चुनौतियों का सामना
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट, जिसे 1997 में शुरू किया गया था, इस ट्रेन की शुरूआत के पीछे का मुख्य कारण है। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में 28 साल से ज्यादा का वक्त लगा। इसमें 43 हजार 780 करोड़ रुपए की लागत आई, और इसमें कई सुरंगों और पुलों का निर्माण करना शामिल था। अब, कश्मीर घाटी की बर्फबारी के मौसम में भी कनेक्टिविटी बनी रहेगी, जिससे आवागमन सुगम होगा।
निष्कर्ष
कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि यह कश्मीरकी अर्थव्यवस्था, पर्यटन, और सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस ट्रेन की शुरूआत को कई लोग उम्मीद की नजर से देख रहे हैं, जिससे कश्मीर की आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकेगा।
इस नई ट्रेन के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया [dharmyuddh.com](https://dharmyuddh.com) पर जाएं।