दिल्ली स्टेशन पर भगदड़, भास्कर की खबर पर मुहर:RPF की रिपोर्ट- कुंभ स्पेशल का प्लेटफॉर्म बदला, अनाउंसमेंट से भीड़ बेकाबू हुई
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत की हो गई थी। RPF की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट से हादसा हुआ है। दैनिक भास्कर ने 17 फरवरी को ही इसकी जानकारी दे दी थी। RPF ने दिल्ली जोन को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें बताया गया है कि 15 फरवरी, रात करीब 8.45 बजे घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी। कुछ देर बाद एक और घोषणा की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी। इसके बाद भगदड़ की स्थिति बनी। रिपोर्ट के मुताबिक इस समय मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर, उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर 15 पर खड़ी थी। प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ भी प्लेटफॉर्म 14 पर मौजूद थी। यानी तीन ट्रेनों के आने-जाने वालों की भीड़ प्लेटफॉर्म पर पहले से मौजूद थी। घोषणा सुनकर यात्री प्लेटफॉर्म 12-13 और 14-15 से फुटओवर ब्रिज 2 और 3 के जरिए सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करने लगे। इस दौरान मगध एक्सप्रेस, उत्तर संपर्क क्रांति और प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे। धक्का-मुक्की के बीच कुछ यात्री फिसलकर सीढ़ियों पर गिर गए और भगदड़ मच गई। घटना से दो घंटे पहले 2600 जनरल टिकट बेचे गए भगदड़ की शुरुआत जांच में पता चला था कि नई दिल्ली स्टेशन पर हर घंटे रेलवे ने 1500 जनरल टिकट बेचे गए थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के जवानों की तैनाती संतुलित नहीं थी, जिससे भीड़ को काबू करने में मुश्किलें आईं और स्थिति बिगड़ी। रेलवे ने घटना से दो घंटे पहले (15 फरवरी को) तक एक घंटे में 2600 जनरल टिकट बेचे थे। आम तौर पर दिनभर में 7 हजार टिकट बेचे जाते थे, लेकिन इस दिन 9600 टिकट बेचे गए थे। तीन चश्मदीदों के बयान... पुलिस ने कहा- जान बचानी है तो लौट जाओ: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठुंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है। कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके: प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था, लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके। ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी: प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा। -------------------------------------------- भगदड़ से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... दिल्ली भगदड़- तीन सरकारी बयान, उलझी जांच:पुलिस बोली- दो ट्रेनों के मिलते-जुलते नाम से भ्रम हुआ, रेलवे बोला- एक व्यक्ति के फिसलने से स्थिति बिगड़ी भगदड़ क्यों मची, इस पर आए 3 सरकारी बयानों ने जांच उलझा दी है। दरअसल, दिल्ली पुलिस का कहना है कि प्रयागराज नाम से दो ट्रेन थीं। इनमें से एक स्पेशल के प्लेटफॉर्म 16 पर पहुंचने का अनाउंसमेंट हुआ। तब प्लेटफॉर्म 14 पर प्रयागराज (मगध) एक्सप्रेस खड़ी थी। जो यात्री 14 पर जा रहे थे, वो अनाउंसमेंट सुनकर 16 की तरफ भागे। पढ़ें पूरी खबर...

दिल्ली स्टेशन पर भगदड़: RPF की रिपोर्ट से मिली पुष्टि
दिल्ली स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ की घटना ने रेलवे यात्रियों में हड़कंप मचा दिया। रिपोर्ट के अनुसार, कुंभ स्पेशल ट्रेन का प्लेटफॉर्म अचानक बदलने और अनाउंसमेंट में खामियों के कारण भीड़ बेकाबू हो गई। यह स्थिति न केवल यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हुई, बल्कि रेलवे अधिकारियों के लिए भी सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताएं उत्पन्न कर दी हैं।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, घटना उस समय हुई जब यात्रियों को कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म के बारे में अचानक एक बदलाव की सूचना दी गई। यात्रियों में अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की और अपनी रिपोर्ट में बताया कि अगर प्लेटफॉर्म परिवर्तन की सूचना समय पर दी जाती तो इस तरह की स्थिति टाली जा सकती थी।
RPF की रिपोर्ट
RPF द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं, जिसमें सुरक्षा उपायों की कमी से लेकर अनाउंसमेंट में हुई त्रुटियों तक का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं पुनः न घटें।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
इस भगदड़ में फंसे यात्रियों ने घटना को बेहद डरावना बताया। उनकी प्राथमिकता अब रेलवे अधिकारियों से उचित सुरक्षा उपायों और बेहतर सूचना प्रणाली की मांग करना है। उन्होंने बताया कि सही समय पर सूचना मिलने से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता था।
भविष्य की सजगता
रेलवे प्रशासन को अपने सूचना तंत्र में सुधार लाने की आवश्यकता है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सही प्रबंधन और संसाधनों का उपचार आवश्यक है।
इस घटनाक्रम के चलते कई सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या रेलवे अपने सुरक्षा मानकों को सख्त कर पाएगा या नहीं। सभी की नजरें अब रेलवे प्रशासन की कार्रवाई पर हैं।
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