अनीश दयाल सिंह को सरकार ने बनाया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जानें उनके अनुभव और आगामी चुनौतियां

एफएनएन, नई दिल्ली: सीआरपीएफ और आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह को नया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है, जिन्हें आंतरिक मामलों को संभालने का दायित्व सौंपा गया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अनीश दयाल सिंह डिप्टी एनएसए के रूप में जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद सहित देश के आंतरिक […] The post आईपीएस अनीश दयाल सिंह, जिन्हें सरकार ने बनाया डिप्टी NSA appeared first on Front News Network.

अनीश दयाल सिंह को सरकार ने बनाया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जानें उनके अनुभव और आगामी चुनौतियां
एफएनएन, नई दिल्ली: सीआरपीएफ और आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह को नया उप राष्ट्रीय सुर

अनीश दयाल सिंह को सरकार ने बनाया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जानें उनके अनुभव और आगामी चुनौतियां

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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने सीआरपीएफ और आईटीबीपी के पूर्व महानिदेशक अनीश दयाल सिंह को नया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया है। उन्हें आंतरिक मामलों का कार्यभार सौंपा गया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर उग्रवाद जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को संभालना शामिल है। इस नियुक्ति से उम्मीद है कि भारत की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।

अनुभव और कार्यकाल

अनीश दयाल सिंह मणिपुर कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त होने के बाद इस महत्वपूर्ण भूमिका को संभाला है। उनके पास सुरक्षा एजेंसियों में लगभग 30 वर्षों का अनुभव है, जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में सेवा शामिल है। हाल ही में, उन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का नेतृत्व किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मिशनों और पहलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

महत्वपूर्ण पहलों में भूमिका

सिंह के सीआरपीएफ प्रमुख के रूप में, उन्होंने नक्सलवाद के खिलाफ कई महत्वपूर्ण पहलों में नेतृत्व किया। उन्होंने नक्सली गतिविधियों को समाप्त करने के लिए तीन दर्जन से अधिक अग्रिम परिचालन बेस स्थापित किया और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में चार नई बटालियनों की शुरुआत की। इसके अलावा, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रबंधों की देखरेख भी की।

बटालियनों के पुनर्गठन की पहल

130 से अधिक बटालियनों के व्यापक पुनर्गठन की पहल
सिंह ने 130 से अधिक सीआरपीएफ बटालियनों के पुनर्गठन की पहल की, जो कि पिछले आठ वर्षों में सबसे बड़ा पुनर्गठन है। इसका उद्देश्य परिचालन दक्षता में सुधार करना और सैनिकों को अधिक 'पारिवारिक समय' उपलब्ध कराना है, जिससे औसत दूरी 1,200 किलोमीटर से घटकर 500 किलोमीटर हो गई। उनकी कोशिशों में कंपनी कमांडरों के साथ संवाद सत्र आयोजित करना भी शामिल है, जिससे बल के भीतर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।

भविष्य की चुनौतियाँ

अनीश दयाल सिंह का नया कार्यभार कई चुनौतियों से भरा है। जम्मू-कश्मीर का प्रबंधन, नक्सलवादी गतिविधियों पर नियंत्रण, और पूर्वोत्तर उग्रवाद जैसे मुद्दे उनके प्राथमिक ध्यान केंद्रित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि उनका अनुभव और नेतृत्व क्षमता इन चुनौतियों का सामना करने में मददगार साबित हो सकती है।

इस नई नियुक्ति के साथ, सेंटर ने आंतरिक सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत और सकारात्मक बदलाव की आशंका जताई है, जिससे एक नई रणनीति का निर्माण संभव होगा।

निष्कर्ष

अनीश दयाल सिंह का उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चयन केंद्र सरकार की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीरता को दर्शाता है। उनकी अनुभव और मेहनत हमारे देश की सुरक्षा के लिए नया दृष्टिकोण प्रस्तावित कर सकते हैं।

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