अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए बने सेना में लेफ्टिनेंट

सीएनई​ रिपोर्टर, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर के कपीना के मूल निवासी तोषित लोहनी भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में विगत दिवस आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। उल्लेखनीय है कि तोषित लोहनी सेना में दूसरी पीढ़ी के आफिसर हैं। उनके पिता कर्नल राजीव लोहनी ने भी 25 वर्ष सेना में अपनी सेवायें […] The post पिता के पदचिन्हों पर चल अल्मोड़ा के तोषित लोहनी बने सेना में लेफ्टिनेंट appeared first on Creative News Express | CNE News.

अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए बने सेना में लेफ्टिनेंट
सीएनई​ रिपोर्टर, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर के कपीना के मूल निवासी तोषित लोहनी भारतीय सैन्य अकादमी �

अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए बने सेना में लेफ्टिनेंट

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर के कपीना के निवासी तोषित लोहनी ने भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान सेना में लेफ्टिनेंट की उपाधि प्राप्त की है। ये गौरव की बात है कि तोषित, सेना में दूसरी पीढ़ी के अधिकारी हैं, क्योंकि उनके पिता, कर्नल राजीव लोहनी, ने भी अपने 25 वर्षों के करियर में देश सेवा की है।

तोषित लोहनी का सेना में सफर

तोषित की सफलता की यात्रा उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी है। भारतीय सैन्य अकादमी में, उन्हें उनके अनुशासन और समर्पण के लिए सराहा गया। तोषित ने स प्रमाणित किया है कि अगर व्यक्ति में एकजुटता और समर्पण हो, तो वो अपने लक्ष्यों को अवश्य प्राप्त कर सकता है। उनकी यात्रा उन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन सकती है, जो भारतीय सेना में शामिल होने का सपना संजोए हुए हैं।

पिता का प्रेरणा स्रोत

कर्नल राजीव लोहनी, जो भारतीय सेना में एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं, का तोषित पर गहरा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने अपने बेटे को बचपन से ही देश सेवा की महत्वता और सच्चे समर्पण का पाठ पढ़ाया। उनके विचारों का सार ये है कि देश की सेवा करना सबसे बड़ा सम्मान है। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, तोषित ने अपने पिता के मार्गदर्शन पर चलने का निश्चय किया।

समाज में बदलाव की प्रेरणा

तोषित की सफलता की कहानी न केवल उनके परिवार, बल्कि समूचे अल्मोड़ा क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। यह इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार एक परिवार के संस्कार और शिक्षा ने उनके भविष्य को आकार दिया है। उनके इस उपलब्धि से प्रभावित होकर अन्य युवा भी भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

आगे की योजनाएँ

तोषित लोहनी ने यह स्पष्ट किया है कि वे अपने नए पद पर अपनी सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह एक नई शुरुआत है। मैं देश की सेवा करने के लिए पूरी तरह से तत्पर हूँ और अपने परिवार तथा देश का नाम रोशन करना चाहता हूँ।" उनकी आँखों में देश सेवा की जो चमक है, वह उनके समर्पण को बखूबी दर्शाती है।

कम शब्दों में कहें तो, तोषित लोहनी की कहानी बौद्धिक और नैतिक प्रेरणा देती है और यह दर्शाती है कि मेहनत और परिवार का सहयोग किसी भी व्यक्ति को ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सक्षम है। उनकी सफलता से प्रेरित होकर, उम्मीद है कि अन्य युवा भी सेना में योगदान देने की इच्छा करेंगे।

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संभवत: आनेवाले समय में तोषित लोहनी अपने देश की सेना में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेंगे।

सादर,
टीम धर्म युद्ध
नेहा शर्मा