ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाइवे पर चट्टान गिरने से यातायात ठप, स्थानीय समुदाय में अफरातफरी
नई टिहरी। ऋषिकेश-चंबा-गंगोत्री नेशनल हाइवे पर बीती देर रात उपलि आमसेरा के पास हुए भारी भूस्खलन से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। अचानक पहाड़ से गिरी चट्टानों और मलबे ने न केवल सड़क का संपर्क बाधित कर दिया, बल्कि आसपास बसे परिवारों को भी खतरे की जद में ला दिया है। जानकारी के अनुसार, […] The post रात में गिरी चट्टानें और मलबा, ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाइवे हुआ ठप appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

रात में गिरी चट्टानें और मलबा, ऋषिकेश-गंगोत्री नेशनल हाइवे हुआ ठप
नई टिहरी। बीती रात उपलि आमसेरा के पास ऋषिकेश-चंबा-गंगोत्री नेशनल हाइवे पर भारी भूस्खलन ने स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा दिया। चट्टानी मलबा अचानक पहाड़ से गिरने के कारण न केवल सड़क का संपर्क बाधित हो गया, बल्कि इससे आसपास के निवासियों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
कम शब्दों में कहें तो, पिछले रात के भूस्खलन ने अनेक परिवारों को मुश्किल में डाल दिया है, क्योंकि उनके घरों में मलबा घुस गया है और प्रशासन से भी उचित राहत की मांग की जा रही है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया यहां क्लिक करें.
घटनास्थल का हाल
सूत्रों के अनुसार, भूस्खलन इतना भयानक था कि मलबा और पानी तेजी से सड़क पर फैल गए, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। घटना के समय, अधिकांश लोग गहरी नींद में थे, लेकिन अचानक तेज आवाज और मलबे के घरों के भीतर घुसने से अफरातफरी का माहौल बन गया। कई परिवार रात के अंधेरे में सुरक्षित स्थानों की ओर भागने को मजबूर हो गए।
प्रभावित परिवारों की स्थिति
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सड़क किनारे बसे लगभग 10 परिवारों के घरों में मलबा घुस जाने के कारण उन्हें भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कुछ घरों का फर्नीचर और जरूरी सामान मलबे और पानी में डूब गया है। प्रभावित परिवारों ने प्रशासन से तुरंत राहत तथा सुरक्षित स्थान पर विस्थापन की गुहार लगाई है।
स्थायी समाधान की आवश्यकता
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में लगातार बारिश के कारण पहाड़ों की स्थिति असुरक्षित हो गई है। दिन-प्रतिदिन मलबा और पत्थर गिरने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन ने अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला है।
प्रशासनिक कार्रवाई
फिलहाल, प्रशासनिक टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं और नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है। राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, सड़क पर पड़े मलबे को हटाने के लिए मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भारी मलबे के कारण रास्ता खोलने में समय लग सकता है।
स्थानीय समुदाय की चिंताएं
स्थानीय निवासी लगातार दहशत में हैं और उनका कहना है कि जब तक पहाड़ों की स्थायी कटिंग और सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया जाता, तब तक खतरा खत्म होने की संभावना नहीं है। उनके आशंका को देखते हुए, प्रशासन को चाहिए कि शीघ्र ही कोई स्थायी समाधान निकाले ताकि इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
समुदाय की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन मौजूदा संकट को गंभीरता से ले और त्वरित कार्रवाई करे। हम स्थानीय निवासियों की चिंताओं को समझते हैं और उनके लिए सर्वोत्तम प्रयासों की अपेक्षा करते हैं।
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— Team Dharm Yuddh (दिव्या शर्मा)