केदारनाथ में चौराबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन, भारी बर्फ नीचे गिरी
एफएनएन, केदारनाथ : केदारनाथ से ऊपर हिमालय क्षेत्र से लगे चौराबाड़ी ग्लेशियर में भारी हिमस्खलन हुआ। जिससे ग्लेशियर से भारी मात्रा में बर्फ टूटकर निचले क्षेत्र में आ गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बर्फ का भारी गुबार तेज रफ्तार के साथ नीचे खिसकते हुए दिखाई दे रहा है। […] The post केदारनाथ में हुआ हिमस्खलन, भारी मात्रा में बर्फ टूटकर नीचे गिरी appeared first on Front News Network.

केदारनाथ में चौराबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन, भारी बर्फ नीचे गिरी
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कम शब्दों में कहें तो, केदारनाथ क्षेत्र में चौराबाड़ी ग्लेशियर से बड़ा हिमस्खलन हुआ है, जिसके कारण भारी मात्रा में बर्फ नीचे आती दिखाई दी है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
हिमस्खलन की घटना का वर्णन
सोमवार को दोपहर करीब 2 बजे, केदारनाथ से सटे चौराबाड़ी ग्लेशियर में बर्फ का एक बड़ा गुबार टूटकर नीचे गिरा। इस घटना का वीडियो मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों और पदाधिकारियों ने बनाया। सोशल मीडिया में यह वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें भारी बर्फ की चादर तेज गति से नीचे खिसकती हुई देखी जा सकती है। इस दृश्य ने सभी को चौंका दिया है और यह एक गंभीर प्राकृतिक घटना के रूप में उभरा है।
आपदा प्रबंधन अधिकारी का बयान
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएँ अचानक होती हैं और इसके पीछे कई जलवायु कारण हो सकते हैं। बर्फबारी और तापमान में उतार-चढ़ाव के चलते ग्लेशियरों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे这样的 हिमस्खलन का खतरा बढ़ जाता है।
प्रभाव और सुरक्षा उपाय
इस प्रकार के हिमस्खलन से आसपास के क्षेत्र में खतरा पैदा हो सकता है। स्थानीय प्रशासन ने पर्यटन स्थल पर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ाई है। सभी लोगों से आग्रह किया गया है कि वे उच्चतर क्षेत्रों में जाने से बचें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
वीडियो और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
हिमस्खलन का यह वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, जबकि कई ने इस प्राकृतिक आपदा की गंभीरता को रेखांकित किया है। विशेषज्ञों ने भी लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और इस प्रकार की घटनाओं के प्रति चेतावनी जारी की है।
केदारनाथ एक धार्मिक स्थल है और यहां हर साल लाखों लोग आते हैं। ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं न केवल पर्यटकों के लिए खतरा होती हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों पर भी इसका असर पड़ता है।
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आपदा के कारणों और इससे बचाव के उपायों पर विशेषज्ञों की राय लगातार आ रही है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अधिक संसाधन और जागरूकता की आवश्यकता है।
सुरक्षा को लेकर चिंता करते हुए, जिले के आपदा प्रबंधन ने संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है। यह कदम इस प्रकार की आपदाओं पर नियंत्रण पाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस हिमस्खलन ने एक नए चेतावनी सिग्नल के रूप में उभरा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जैसे-जैसे मौसम में बदलाव आ रहा है, जरूरी है कि लोग और प्रशासन दोनों ही इसे गंभीरता से लें।
टीम धर्म युद्ध - सिता देवी