बाइक बोट स्कीम में 2800 करोड़ की धोखाधड़ी: रायपुर पुलिस ने थमार अपराधियों को किया गिरफ्तार

रायपुर। ओला और उबर की तर्ज पर बाइक बोट स्कीम चलाने का झांसा देकर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी

बाइक बोट स्कीम में 2800 करोड़ की धोखाधड़ी: रायपुर पुलिस ने थमार अपराधियों को किया गिरफ्तार
रायपुर। ओला और उबर की तर्ज पर बाइक बोट स्कीम चलाने का झांसा देकर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी

बाइक बोट स्कीम में 2800 करोड़ की धोखाधड़ी: रायपुर पुलिस ने थमार अपराधियों को किया गिरफ्तार

रायपुर। ओला और उबर जैसी कंपनियों के तर्ज पर बाइक बोट स्कीम का झांसा देकर देश भर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय ठग गिरोह के तीन मुख्य आरोपियों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की यह कार्रवाई 2019 में थाना सिविल लाइन में पंजीकृत धोखाधड़ी के मामले की जांच के दौरान की गई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संजय भाटी, करणपाल सिंह और राजेश भारद्वाज शामिल हैं।

बाइक बोट स्कीम का धोखा

आरोपियों ने 2017 में 'मेसर्स गर्विट इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड' नामक कंपनी के तहत बाइक बोट स्कीम शुरू की। इस योजना के जरिए निवेशकों से प्रति बाइक ₹62,100 जमा कराकर हर महीने ₹9,765 का मुनाफा देने का वादा किया गया। स्कीम के आकर्षण में आकर देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों लोगों ने इसमें निवेश किया, परंतु बाद में वे ठगी का शिकार हो गए।

देशभर में दर्ज हैं 200 से अधिक मामले

बाइक बोट स्कीम के आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 150, राजस्थान में 50, मध्यप्रदेश में 6 और कई अन्य राज्यों में कुल 200 से अधिक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। मुख्य आरोपी संजय भाटी के खिलाफ एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 1,500 से अधिक मामले चल रहे हैं।

2800 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा

पुलिस की विस्तृत जांच में यह सामने आया है कि इस गिरोह ने लगभग 2800 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में आरोपियों की संपत्तियों को भी अटैच कर दिया है, जिससे उनके वित्तीय नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

रायपुर में दर्ज हुआ मामला

2019 में, अखिल कुमार बिसोई नामक व्यक्ति ने थाना सिविल लाइन, रायपुर में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी गिरोह ने बाइक बोट स्कीम में निवेश कराकर उनसे धोखाधड़ी की है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। विशेष टीम का गठन कर गौतमबुद्ध नगर (उ.प्र.) भेजा गया। वहां जांच के दौरान पता चला कि आरोपी संजय भाटी, राजेश भारद्वाज और करणपाल सिंह पहले से ही केंद्रीय कारागार भरतपुर (राजस्थान) में निरुद्ध हैं। इसके बाद रायपुर पुलिस ने संबंधित न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी

Sanjay Bhati, 51 साल, ग्वालियर, उत्तर प्रदेश का निवासी।

Karanpal Singh, 57 साल, मेरठ, उत्तर प्रदेश का निवासी।

Rajesh Bhardwaj, 58 साल, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश का निवासी।

यह मामला न केवल ठगी का है, बल्कि यह समाज में विश्वास का टूटना भी दर्शाता है। अब यह देखना होगा कि क्या इस ठगी के पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा। अधिक जानकारी के लिए हमारे अपडेशन पर नज़र बनाए रखें। अधिक अपडेट्स के लिए यहां क्लिक करें।

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