बागेश्वर में अवैध फड़-खोखों पर बढ़ता हुआ संकट, व्यापारी संगठनों ने खोला मोर्चा
चेतावनी : कार्रवाई न हुई तो उग्र आंदोलन फड़ व्यवसाय कल्याण समिति ने दी चेतावनी सीएनई रिपोर्ट, बागेश्वर बागेश्वर में बगैर पंजीकरण के संचालित हो रहे फड़ और खोखों के खिलाफ बागनाथ फड़ व्यवसाय कल्याण समिति ने मोर्चा खोल दिया है। समिति ने नगर पालिका में प्रदर्शन कर अवैध कारोबारियों पर कार्रवाई की मांग की […] The post बागेश्वर में अवैध फड़-खोखों पर बवाल, व्यापारियों ने खोला मोर्चा appeared first on Creative News Express | CNE News.

बागेश्वर में अवैध फड़-खोखों पर बढ़ता हुआ संकट, व्यापारी संगठनों ने खोला मोर्चा
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लेखिका: प्रियंका शर्मा, साक्षी गुप्ता, टीम धरमयुद्ध
कम शब्दों में कहें तो
बागेश्वर में अवैध फड़ और खोखों के खिलाफ व्यापारियों का गुस्सा फूट पड़ा है। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
प्रस्तावना
बागेश्वर में अवैध फड़ और खोखों की उपस्थिति व्यापारियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। बिना पंजीकरण के चल रहे ये व्यवसाय नियमित दुकानदारों को आर्थिक नुकसान पहुँचा रहे हैं। इसी के चलते बागनाथ फड़ व्यवसाय कल्याण समिति ने कंधे से कंधा मिलाकर इस मुद्दे का सामना करने का निर्णय लिया है। समिति का कहना है कि यदि प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो उन्हें उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
बागनाथ फड़ व्यवसाय कल्याण समिति का विरोध
नगर पालिका के पास बोर्ड लगे स्थान पर आयोजित प्रदर्शन में फड़ व्यवसाय कल्याण समिति के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि अवैध खोखों और फड़ों ने उनके कामकाज में बाधाएं खड़ी की हैं। इन फड़-खोखों की संख्या में वृद्धि के कारण ग्राहक नियमित दुकानदारों की ओर से मुँह मोड़ रहे हैं, जिससे व्यवसायियों के बीच असंतोष और आक्रोश फैल रहा है।
आंदोलन की तैयारी
समिति ने नगर प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे अपनी आवाज उठाने के लिए उग्र आंदोलन की राह चुनने के लिए मजबूर होंगे। उनका उद्देश्य केवल अपने व्यवसाय की सुरक्षा करना नहीं है, बल्कि नगर में सफाई व व्यवस्था बनाए रखना भी है। व्यापारियों के बीच बढ़ता हुआ असंतोष यह दर्शाता है कि वे एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
नगरपालिका की भूमिका
इस मुद्दे पर नगरपालिका की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। अवैध फड़-खोखों की उपस्थिति न केवल स्थानीय विधायी आमदनी को प्रभावित करती है, बल्कि यह सामाजिक ताना-बाना भी बिगाड़ सकती है। नगरपालिका को चाहिए कि वे इस बाबत एक सर्वेक्षण करें और अवैध फड़-खोखों के खिलाफ कठोर कदम उठाएं ताकि नियमित व्यापारियों को राहत मिल सके।
निष्कर्ष
बागेश्वर के व्यापारी एक महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव के दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित हो रहे हैं। नगर प्रशासन की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो बागेश्वर में बड़े आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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