बिजली का नया युग: रिन्यूएबल एनर्जी बनी सस्ती
दुनिया भर में 91% नई सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं कोयले-गैस से सस्ती पड़ीं। लेकिन सवाल अब भी बड़ा है: क्या सस्ती बिजली हर किसी तक पहुँच रही है? जरा सोचिए, अगर आपको बताया जाए कि बिजली बनाने का सबसे सस्ता तरीका अब न कोयला है, न गैस, बल्कि सूरज और हवा हैं—तो क्या आप […] The post कोयला हुआ पुराना, अब रिन्यूएबल ही सस्ता appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

बिजली का नया युग: रिन्यूएबल एनर्जी बनी सस्ती
कम शब्दों में कहें तो, दुनिया भर में 91% नई सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं अब कोयले और गैस की तुलना में सस्ती साबित हुई हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह सस्ती बिजली सभी लोगों तक पहुँच रही है? सोचिए, यदि आपको बताया जाए कि अब बिजली बनाने के सबसे सस्ते तरीके में न तो कोयला है और न ही गैस, बल्कि सूरज और हवा हैं—तो क्या आप तैयार हैं?
इस रिपोर्ट में हम विस्तार से देखेंगे कि कैसे रिन्यूएबल एनर्जी अब न केवल किफायती हो रही है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक उत्कृष्ट विकल्प बन रही है।
रिन्यूएबल एनर्जी का तेजी से बढ़ता उदय
कोयला और गैस जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में, सौर और पवन ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल एनर्जी स्रोत बेहद तेजी से विकसित हो रहे हैं। कई अध्ययनों ने पुष्टि की है कि इन परियोजनाओं की लागत कोयले और गैस से काफी कम है। इस नई दिशा से न केवल विकासशील देशों में बिजली आपूर्ति के लिए उत्कृष्ट अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, बल्कि यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मुकाबला करने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है।
क्या सस्ती बिजली सबके लिए उपलब्ध है?
हालांकि रिन्यूएबल एनर्जी तेजी से सस्ती हो रही है, लेकिन यह सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है कि यह सभी लोगों तक पहुँच सके। हमारे कई ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोग अभी भी महंगी पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर हैं। हमें यह ध्यान रखना होगा कि सस्ती बिजली केवल बड़े शहरों तक ही सीमित न रहे, बल्कि यह हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँच सके।
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी का भविष्य
भारत में भी रिन्यूएबल एनर्जी का क्षेत्र तेजी से विस्तारित हो रहा है। भारतीय सरकार ने हाल के वर्षों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कई पहलों की घोषणा की है। 2022 में, भारत ने अपनी कुल ऊर्जा जरूरतों का 60% हिस्सा रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारत को एक वैश्विक ऊर्जा नेता के रूप में स्थापित कर सकता है।
निष्कर्ष
कोयला अब पुराना हो चुका है, और रिन्यूएबल एनर्जी तेजी से सस्ती होती जा रही है। हालाँकि, यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि यह सभी के लिए उपलब्ध हो। इसके लिए केवल सरकारी प्रयासों की ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को अपनी ऊर्जा के प्रति सोच समझकर बदलने की आवश्यकता है। रिन्यूएबल एनर्जी सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि हमारा आने वाला भविष्य है; आइए हम इस दिशा में मिलकर कदम बढ़ाएँ।
इस ऊर्जा परिवर्तन को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि यह हमारा इस सदी की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
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लेखिका: अनु तिवारी, सिया शर्मा, टीम - Dharm Yuddh
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