बीजापुर की बेटियों ने रचा इतिहास: एशिया कप सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में भारत का करेंगी प्रतिनिधित्व, छत्तीसगढ़ की चमक बढ़ाएंगी
रायपुर. छत्तीसगढ़ की बेटियां अब अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर प्रदेश का नाम रोशन करने को तैयार हैं. बीजापुर जिले की

बीजापुर की बेटियों ने रचा इतिहास: एशिया कप सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में भारत का करेंगी प्रतिनिधित्व, छत्तीसगढ़ की चमक बढ़ाएंगी
रायपुर। कम शब्दों में कहें तो छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर प्रदेश का गौरव बढ़ाने को तैयार हैं। बीजापुर जिले की होनहार खिलाड़ी चंद्रकला तेलम और जांजगीर-चांपा जिले की शालू डहरिया को भारतीय सॉफ्टबॉल टीम में चयनित किया गया है। ये दोनों खिलाड़ी एशिया कप सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप 2025 में भाग लेंगी, जो 14 से 20 जुलाई तक चीन के शियान शहर में आयोजित की जाएगी।

राज्य सरकार देती है खिलाड़ियों को हरसंभव सहयोग
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार राज्य के युवाओं के लिए शिक्षा, रोजगार, खेल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विशेष अवसर उपलब्ध करा रही है। छत्तीसगढ़ की बेटियाँ आज खेल के मैदान से लेकर हर क्षेत्र में अपनी मेहनत, निष्ठा और जज्बे से नया इतिहास रच रही हैं। राज्य सरकार खिलाड़ियों को हरसंभव सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बीजापुर जिले की धरती एक बार फिर खेल जगत में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने जा रही है।
बीजापुर और जांजगीर की बेटियां पहुंचीं राष्ट्रीय टीम तक
बीजापुर के आवापल्ली गांव की चंद्रकला तेलम और पामगढ़ की शालू डहरिया ने कई चयन शिविरों और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शानदार प्रदर्शन कर यह मुकाम हासिल किया है। इनका चयन अनंतपुर (आंध्रप्रदेश), नागपुर, श्रीनगर और इंदौर में आयोजित सेलेक्शन ट्रायल्स के आधार पर हुआ।
बीजापुर के श्रम निरीक्षक होंगे भारतीय टीम के कोच
खास बात यह है कि भारतीय टीम के कोच के रूप में बीजापुर के श्रम निरीक्षक सोपान कर्णेवार को नियुक्त किया गया है। उनके मार्गदर्शन में पहले भी कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं। टीम को नई दिल्ली में अंतिम प्रशिक्षण के बाद 13 जुलाई को चीन रवाना किया जाएगा।
कलेक्टर्स ने दी शुभकामनाएँ
बीजापुर और जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टरों ने टीम को शुभकामनाएं दी हैं और उम्मीद जताई है कि ये बेटियाँ अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा बनेंगी। इस चैंपियनशिप का महत्व इसलिए भी है क्योंकि विजेता और उपविजेता टीमों को वर्ल्ड कप सॉफ्टबॉल टूर्नामेंट में भाग लेने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
यह खबर न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे भारत की बेटियों के लिए एक संदेश है कि वे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं। इस प्रकार की सफलताओं को अपनाने और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि युवा पीढ़ी में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ सके।
इन बेटियों ने केवल अपने प्रदेश का नाम रोशन नहीं किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेंगी। रायपुर की बेटियों की इस उपलब्धि पर हमें गर्व है और हम चाहेंगे कि सभी युवा इसके प्रति जागरूक हों। राज्य का विकास खेलों के माध्यम से भी संभव है, और यह सफलता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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लेखक: प्रीति शर्मा, नेहा तिवारी, टीम धर्मयुद्ध