मुख्यमंत्री ने दिए सारकोट की तर्ज पर प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाने के निर्देश
देहरादून: मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में उच्चाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि इन गांवों में समग्र विकास एवं आजीविका संवर्द्धन की योजनाओं को प्रभावी तरीके […] The post मुख्यमंत्री ने दिए सारकोट की तर्ज पर प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाने के निर्देश appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

मुख्यमंत्री ने दिए सारकोट की तर्ज पर प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाने के निर्देश
देहरादून: मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में उच्चाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि इन गांवों में समग्र विकास एवं आजीविका संवर्द्धन की योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा।
गलवाती विकास की दिशा में कदम
इन आदर्श गांवों के निर्माण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास को प्रोत्साहित करना और स्थानीय निवासियों की आजीविका को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह परियोजना केवल एक प्रशासनिक उपाय नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों की दीर्घकालिक स्थिरता और सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हम चाहते हैं कि इन गांवों के माध्यम से राज्य के सभी निवासियों को सुविधाएं और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, और आधारभूत संरचनाओं का उचित लाभ मिले।” यह कदम राज्य के विकास के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा और आदर्श ग्राम योजना के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा।
आदर्श गांवों की विशेषताएँ
आदर्श गांवों में पंचायत स्तर पर आवश्यक सेवाओं का समग्र विकास किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, जल आपूर्ति व्यवस्था, और स्वच्छता सुविधाएं प्रमुख होंगे। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय उत्पादों के विपणन और ग्रामीण उद्योगों की भी स्थापना की जाएगी।
सारकोट का उदाहरण
सारकोट गांव को आदर्श ग्राम का रूप देने के लिए जो मॉडल तैयार किया गया है, वह भविष्य में सभी चयनित गांवों के लिए एक उदाहरण साबित होगा। इससे अन्य गांवों में भी सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रक्रियाएं तेज होंगी। यह राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे हर क्षेत्र में विकास का काम प्राथमिकता से करेंगे।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इन निर्देशों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन को भी इस परियोजना को सफलतापूर्वक लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है। ग्रामीण विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो न केवल आबादी को प्रभावित करेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक विकास की धारा को भी गति देगा।
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लेखक: राधिका चौधरी, सविता बिष्ट, टीम धर्मयुद्ध