अल्मोड़ा: कोसी नदी में बहे व्यक्ति की तलाश जारी, दूसरे दिन भी नहीं मिला
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के सोमेश्वर तहसील अंतर्गत कोसी नदी में बहे एक व्यक्ति गुरुवार को दूसरे दिन भी नहीं मिला, जबकि पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम नदी में सर्च अभियान चलाए हुए हैं। मालूम हो कि बीते बुधवार दोपहर सोमेश्वर तहसील अंतर्गत सकार गांव निवासी 62 वर्षीय महिपाल सिंह पुत्र भोपाल सिंह कोसी […] The post अल्मोड़ा: कोसी नदी में बहे व्यक्ति की तलाश जारी, दूसरे दिन भी नहीं मिला appeared first on Creative News Express | CNE News.

अल्मोड़ा: कोसी नदी में बहे व्यक्ति की तलाश जारी, दूसरे दिन भी नहीं मिला
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: जिले के सोमेश्वर तहसील अंतर्गत कोसी नदी में बहे एक व्यक्ति गुरुवार को दूसरे दिन भी नहीं मिला, जबकि पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम नदी में सर्च अभियान चलाए हुए हैं। मालूम हो कि बीते बुधवार दोपहर सोमेश्वर तहसील अंतर्गत सकार गांव निवासी 62 वर्षीय महिपाल सिंह पुत्र भोपाल सिंह कोसी नदी में बह गए थे।
सर्च अभियान की स्थिति
महिपाल सिंह की तलाश में जुटी टीम ने दिन भर नदी के विभिन्न हिस्सों में खोजबीन की, लेकिन अब तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ओपरेशन के तहत तेज धाराओं में उनकी पहचान के लिए मेहनत की, लेकिन दूसरी दिन उनके जीवित या मृत अवस्था में मिलने की कोई सूचना नहीं है। पुलिस महकमा भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लगातार प्रयास कर रहा है।
पारिवारिक स्थिति और स्थानीय प्रतिक्रिया
महिपाल के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं, जो इस घटना से बेहद दुखी हैं। उनके परिवार के सदस्य लगातार मौके पर मौजूद हैं और उनके लौटने की उम्मीद में प्रार्थना कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी इस दुखद घटना से दुखी हैं और सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं। क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी चर्चा हो रही है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की जा सके।
आवश्यक सावधानियाँ
क्षेत्रीय निवासियों को कोसी नदी की संभावित खतरनाक धाराओं के बारे में ध्यान देना आवश्यक है। कई लोगों का मानना है कि सुरक्षा उपायों की कमी ही ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। प्रशासन द्वारा नदी किनारे चेतावनी संकेतक और बैरिकेड्स लगाने का सुझाव दिया जा रहा है ताकि कोई भी भविष्य में ऐसे खतरनाक क्षेत्रों में न आए।
अंतिम टिप्पणी
यह ঘটনা न केवल महिपाल के परिवार के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि पूरी सामुदायिक भावना पर भी गहरा असर डालता है। एसडीआरएफ और पुलिस की टीमों द्वारा चल रहा सर्च अभियान आशा की किरण है, लेकिन सभी को इससे यह सीख लेने की आवश्यकता है कि प्राकृतिक जल स्रोतों के निकट सावधानी बरतना अनिवार्य है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं, और हम सबको एकजुट होकर इसे सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।
महिपाल सिंह की तलाश जारी है, और हम सबको इस दुःखद स्थिति में उनके परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट करनी चाहिए। इस मामले में आगे आए अपडेट्स के लिए कृपया नियमित रूप से हमारा वेबसाइट विजिट करते रहें।
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सीएनई रिपोर्टर से, टीम dharmyuddh