स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं की बढ़ती मुश्किलें, बिलिंग पर सवालों की बौछार
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता परेशान, बिलिंग पर उठ रहे सवाल देहरादून। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर योजना सिरदर्द साबित हो रही है। ऊर्जा निगम (यूपीसीएल) की ओर से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं का आरोप है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी […] The post स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता परेशान, बिलिंग पर उठ रहे सवाल appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं की बढ़ती मुश्किलें, बिलिंग पर सवालों की बौछार
देहरादून। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर योजना अब सिरदर्द बनती जा रही है। ऊर्जा निगम (यूपीसीएल) की रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत तेजी से स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन उपभोक्ताओं का आरोप है कि यह प्रक्रिया अस्वच्छ और पारदर्शिता की कमी से भरी है।
कम शब्दों में कहें तो, उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि उन्हें बिना पूर्व सूचना के पुराने मीटर उतारकर नए स्मार्ट मीटर लगा दिए जा रहे हैं। इसके चलते न तो सीलिंग सर्टिफिकेट मिल रहा है और न ही अंतिम रीडिंग का रिकॉर्ड दिया जा रहा है। इसके बाद, बिजली बिलों की रीडिंग में गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार आ रही हैं।
हाल में रायपुर रोड क्षेत्र में मीटर बदलने के लिए पहुँचने वाली ऊर्जा निगम की टीम बिना किसी वरिष्ठ अधिकारी और पहचान पत्र के आई। ऐसे ही हालात मोहनपुर और स्मिथनगर जैसे क्षेत्रों में भी देखे गए। सामाजिक कार्यकर्ता वीरू बिष्ट का कहना है कि उन्होंने इस विषय पर आरटीआई दाखिल की है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
स्मार्ट मीटरिंग की प्रगति
स्मार्ट मीटरिंग के चीफ शेखर त्रिपाठी के अनुसार, प्रदेश में अब तक 2.53 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। उनका लक्ष्य है कि जून 2026 तक सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। यह प्रक्रिया हर दिन औसतन 1500 मीटर लगाने के साथ चल रही है।
शिकायतों पर चुप्पी साधे ऊर्जा निगम
उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि उनकी शिकायतों को न तो ऑफलाइन और न ही ऑनलाइन माध्यम से सुनने की कोशिश की जा रही है। यहां तक कि सीएम पोर्टल पर की गई शिकायतों का भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। कई उपभोक्ताओं को यह सलाह दी गई है कि वे चेक मीटर लगवा लें, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी जटिल है कि किसी को भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा।
बिजली उपभोक्ताओं की समस्याएँ विभिन्न स्थानों से आ रही हैं। रायपुर रोड पर, जहां मीटर बदले जा रहे थे, उपभोक्ताओं ने कहा कि जब वे शिकायत करने गए तो उनसे संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि उपभोक्ता बिजली बिलों में गड़बड़ियों की सूचना लगातार दे रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
उपभोक्ताओं के लिए यह योजना जितनी फायदेमंद होनी चाहिए, उतनी ही परेशानियों से भरी हो रही है। यदि ऊर्जा निगम की ओर से जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो यह उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।
संक्षेप: स्मार्ट मीटर योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देना है, लेकिन असली भावना कहीं खोती जा रही है। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे अपनी समस्याएँ उठाते रहें, ताकि ऊर्जा निगम को इस ओर ध्यान देना पड़े।
For more updates, visit our news portal Dharm Yuddh.
धन्यवाद,
Team Dharm Yuddh - कविता शर्मा