हरिद्वार में अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़, 70 कोबरा और 16 रसैल वाइपर की बरामदगी

हरिद्वार। रुड़की तहसील क्षेत्र के ग्राम खंजरपुर में वन विभाग की टीम ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़ किया। टीम ने मौके से 70 कोबरा और 16 रसैल वाइपर बरामद किए। सभी सर्प वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधित 2022) की अनुसूची-1 में संरक्षित प्रजातियों में शामिल हैं। […] The post अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़, 70 कोबरा और 16 रसैल वाइपर बरामद appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

हरिद्वार में अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़, 70 कोबरा और 16 रसैल वाइपर की बरामदगी
हरिद्वार। रुड़की तहसील क्षेत्र के ग्राम खंजरपुर में वन विभाग की टीम ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई क�

हरिद्वार में अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का बड़ा खुलासा

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हरिद्वार। रुड़की तहसील क्षेत्र के ग्राम खंजरपुर में वन विभाग ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए अवैध सर्प संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़ किया है। इस केंद्र से 70 कोबरा और 16 रसैल वाइपर को बरामद किया गया है। ये सभी सर्प वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (संशोधित 2022) की अनुसूची-1 में संरक्षित प्रजातियों के अंतर्गत आते हैं।

कम शब्दों में कहें तो, हरिद्वार के खंजरपुर में चल रहे सर्प विष संग्रहण केंद्र का भंडाफोड़ किया गया है। यहां से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की उल्लंघना करने वाले प्रतिबंधित सर्प बरामद किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें

सर्प संग्रहण केंद्र का संचालन और अवैधता

जांच में यह भी पता चला कि यह सर्प विष संग्रहण केंद्र नितिन कुमार के प्रतिनिधि विष्णु द्वारा संचालित किया जा रहा था। विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी कि नितिन कुमार को वर्ष 2022 में इस केंद्र के संचालन के लिए अस्थायी अनुमति दी गई थी, जो दिसंबर 2023 में समाप्त हो गई थी। इसके बावजूद, केंद्र पिछले कुछ महीनों से अवैध ढंग से कार्यरत था।

डिपार्टमेंट की कार्रवाई

वन विभाग ने मौके पर कोई वैध अनुमति पत्र न मिलने पर सभी सर्पों को अपने कब्जे में ले लिया है। इसके साथ ही विभाग ने केंद्र के संचालकों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं में कार्रवाई भी शुरू कर दी है। यह कार्रवाई इस मामले की गंभीरता को दर्शाती है और वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति वन विभाग की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

कार्रवाई में शामिल अधिकारी

इस अवसर पर हरिद्वार वन प्रभाग के अधिकारी सुनील बडोली, उप प्रभागीय वनाधिकारी रुड़की विनय राठी, वन क्षेत्राधिकारी रुड़की, सुरक्षा बल एवं राजाजी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक अजय लिंगवाल तथा पीएफयू यूनिट एमिटी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे। उनकी सक्रियता से इस अवैध गतिविधि पर जल्दी अंकुश लगाने में मदद मिली है।

वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम

इस घटना ने यह भी सिद्ध किया कि हमारे जंगलों और वन्य जीवों की सुरक्षा में सख्त निगरानी और कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है। अवैध संग्रहण और शिकार जैसे मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है ताकि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखा जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम केवल सर्पों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी प्रजातियों की रक्षा करने के लिए बना है। इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है और समाज को भी इस दिशा में जागरूक करने की जरूरत है।

टीम धर्म युद्ध
आपका सहयोग और जागरूकता ही हमारी प्रकृति और वन्यजीवों की रक्षा कर सकती है।