हरिद्वार में भूस्खलन: रेल ट्रैक बाधित, ट्रेन संचालन पर लगा ब्रेक
हरिद्वार : उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश अब मुसीबत बनकर टूट रही है। पहाड़ी जिलों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के बीच अब मैदानी इलाकों में भी इसका असर दिखने लगा है। हरिद्वार से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां काली मंदिर के पास स्थित रेलवे ट्रैक पर अचानक पहाड़ का […] The post हरिद्वार में भूस्खलन से रेल ट्रैक बाधित, ट्रेन संचालन ठप appeared first on The Lifeline Today : हिंदी न्यूज़ पोर्टल.

हरिद्वार में भूस्खलन: रेल ट्रैक बाधित, ट्रेन संचालन पर लगा ब्रेक
हरिद्वार: उत्तराखंड में भारी बारिश ने एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा का रूप धारण कर लिया है। पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जबकि मैदानी क्षेत्रों पर भी इसका दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है। हरिद्वार से मिली एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, काली मंदिर के समीप रेलवे ट्रैक पर अचानक पहाड़ का मलबा गिरने से स्थिति गंभीर हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, रेलवे लाइन पूरी तरह से बाधित हो गई है और ट्रेन सेवाएं रुक गई हैं।
पत्रिका विशेष रिपोर्ट: यह भूस्खलन की घटना यात्रियों के साथ-साथ रेलवे प्रबंधन के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। घटना का पता चलते ही रेलवे कंट्रोल रूम को अलर्ट किया गया और तत्काल प्रभाव से प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेलवे इंजीनियरों की टीम घटनास्थल पर भेजी गई। राहत की बात यह है कि इस भूस्खलन के समय कोई ट्रेन ट्रैक पर मौजूद नहीं थी, अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने हरिदास देहरादून मार्ग पर ट्रेनों का संचालन तुरंत रोक दिया है।
कई ट्रेनों का समय बदला, कुछ रद्द
रेलवे के सूत्रों के अनुसार, जब तक रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से साफ और सुरक्षित नहीं किया जाता, तब तक ट्रेन संचालन शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कारण कई ट्रेनों को रद्द किया गया है या उनके समय में संशोधन किया गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाते समय रेलवे की वेबसाइट या हेल्पलाइन पर जा कर ट्रेनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस भूस्खलन की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मलबे के गिरने का भयावह दृश्य स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इस घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने सुरक्षा दृष्टिकोण से आसपास के क्षेत्र को खाली करवा दिया है और मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, विशेषकर पहाड़ी और नदी-नालों के किनारे। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी भी जारी की है, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। SDRF और स्थानीय पुलिस की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।
यात्रियों को क्या करना चाहिए?
रेलवे ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा की योजना बनाते समय पूरी जानकारी प्राप्त करें। मौसम की स्थिति और रेलवे की निर्धारित समय सारणी के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं। ऐसी प्राकृतिक आपदाओं में अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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इस स्थिति का असर रेलवे नेटवर्क पर कई दिनों तक पड़ सकता है, यदि बारिश जारी रहती है। हालात की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें और अधिक अपडेट के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: dharmyuddh.com.
हमारी रिपोर्ट में खुलासा होता है कि भूस्खलन जैसी प्राकृतिक घटनाएं केवल अस्थायी रूप से ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक परिवर्तनों को भी जन्म देती हैं। ऐसे मण्डलियों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है, और इसके लिए पहले से तैयारी करना बेहद आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। साथ ही, यह जरूरी है कि लोग आपदा प्रबंधन उपायों का ज्ञान रखें और आवश्यकता पड़ने पर अपने परिवार और दोस्तों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।