Rajasthan News: RGHS फर्जीवाड़ा; सरकार का बड़ा एक्शन, 12 कर्मचारी निलंबित, 3 मेडिकल स्टोर और 1 अस्पताल पर FIR
Rajasthan News: राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में सामने आए फर्जीवाड़े और अनियमितताओं पर सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू

Rajasthan News: RGHS फर्जीवाड़ा; सरकार का बड़ा एक्शन, 12 कर्मचारी निलंबित, 3 मेडिकल स्टोर और 1 अस्पताल पर FIR
Rajasthan News: राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में सामने आए फर्जीवाड़े और अनियमितताओं पर सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 3 फार्मेसी स्टोर और एक अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही 2 डॉक्टर सहित 12 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा 473 अन्य कर्मचारियों और 10 डॉक्टरों (8 एलोपैथिक व 2 आयुर्वेदिक) पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।

लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतें
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि योजना में गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। वित्त विभाग की ऑडिट रिपोर्ट भी कई अनियमितताएं उजागर करती है। इसी आधार पर चूरू के शिवम ड्रग स्टोर, सीकर के गुरु कृपा अस्पताल, सीकर के न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर और नागौर के मुंडवा की सहकारी मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड की दुकान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी (RSHA) के सीईओ हरजी लाल अटल के अनुसार, कुछ कर्मचारियों ने फार्मेसी से दवाओं की बजाय अन्य सामान खरीदा। कई ने मेडिकल स्टोर्स से मिलीभगत कर फर्जी पर्चियां बनवाईं। ऐसे मामलों में कर्मचारियों ने योजना का दुरुपयोग करते हुए अपने रिश्तेदारों और परिचितों का इलाज करवाया। विशेष रूप से आयुर्वेदिक सेक्टर में ‘पंचकर्म शिरोधारा’ जैसी गैरजरूरी सेवाएं ली गईं।
निलंबित कर्मचारी और डॉक्टरों पर आरोप
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिक्षा, गृह, जल संसाधन, वाणिज्यिक कर और पुलिस विभाग सहित विभिन्न विभागों के 12 कर्मचारियों को निलंबित किया है। इन कर्मचारियों के अलावा, जिन एलोपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा रही है, उन पर अनावश्यक दवाएं लिखने, बिना जांच इलाज करने और फर्जी प्रिस्क्रिप्शन जारी करने के आरोप हैं।
नई सख्ती: एंटी-फ्रॉड सेल और ई-प्रिस्क्रिप्शन
सरकार ने योजना को पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए कई नए कदम उठाने का निर्णय लिया है।
- एंटी-फ्रॉड सेल का गठन किया जाएगा, जिसमें आईटी, मेडिकल और क्लेम ऑडिट विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- ई-प्रिस्क्रिप्शन और ई-बिलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
- रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था बनाई जाएगी।
- ग्रिवांस रिडरेसल सेल और जिला स्तर पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।
इसके अलावा संदिग्ध अस्पतालों, मेडिकल स्टोर्स और डॉक्टरों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे योजना से बाहर करने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
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राजस्थान सरकार का यह कदम न सिर्फ योजना में सुधार लाने वाला है, बल्कि इससे स्वास्थ्य प्रणाली की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी। समय के साथ सुधार और सख्ती लाने से जनता का विश्वास भी लौटेगा।
— टीम धर्मयुद्ध