अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए, आत्मकेंद्रित मत बनाइए : उप राष्ट्रपति

देहरादून। भारत के उप राष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए। आत्मकेंद्रित मत बनाइए। समाज, मानवता और राष्ट्र के लिए लक्ष्य रखिए। यदि आप इतिहास में झांकें, हजार वर्षों में हम किन्हें याद करते हैं? केवल उन्हें, जिन्होंने समाज के लिए कार्य किया, समाज […]

अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए, आत्मकेंद्रित मत बनाइए : उप राष्ट्रपति
देहरादून। भारत के उप राष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने लक्�

अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए, आत्मकेंद्रित मत बनाइए : उप राष्ट्रपति

देहरादून। भारत के उप राष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने लक्ष्य को संकीर्ण मत बनाइए। आत्मकेंद्रित मत बनाइए। समाज, मानवता और राष्ट्र के लिए लक्ष्य रखिए। अगर आप इतिहास में झांकें, हजार वर्षों में हम किन्हें याद करते हैं? केवल उन्हें, जिन्होंने समाज के लिए कार्य किया, समाज के लिए जिया और अपना जीवन समाज को समर्पित किया।”

शेरवुड कॉलेज का 156वाँ स्थापना दिवस

उप राष्ट्रपति ने नैनीताल के शेरवुड कॉलेज की 156वीं स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि उन्हें यह भावना आत्मसात करनी होगी – "राष्ट्र सर्वाेपरि।” यह महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें बिना शर्त, पूर्ण राष्ट्रवाद को स्वीकार करना होगा। भारत, जो एक अनूठा राष्ट्र है और जिसकी 5000 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत है, यही उसकी न्यूनतम अपेक्षा है।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का महत्व

धनखड़ ने कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, इसकी पहुंच और वहन करने की क्षमता किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए मूलभूत हैं। शिक्षा ईश्वर का वरदान है। अगर आपको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है, तो आप भाग्यशाली हैं।” उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों पर दबाव न डालें और न ही तय करें कि उनका जीवन का उद्देश्य क्या होगा।

भारत: एक उभरता हुआ nation

भारत की हाल की यात्रा और 'विकसित भारत' के लक्ष्य की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा, “इस सदी में हम केवल साक्षरता की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिक्षा असमानता और अन्याय पर प्रहार करती है।” उन्होंने बताया कि भारत अब एक उभरता हुआ राष्ट्र है, जहाँ पिछले दशक में वैश्विक स्तर पर आर्थिक प्रगति अभूतपूर्व रही है।

युवाओं का योगदान

उप राष्ट्रपति ने युवाओं को परिवर्तन के प्रेरक के रूप में कार्य करने का आह्वान करते हुए कहा, “दुनिया भारत की ओर केवल उसके उत्थान के कारण नहीं, बल्कि हमारे अद्वितीय जनसांख्यिकीय लाभांश के कारण देख रही है।” उन्होंने छात्र-छात्राओं को यह भी बताया कि इस समय उनका दायित्व है कि वे केवल अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों को नहीं, बल्कि राष्ट्र की छवि को भी समझें।

निष्कर्ष

उप राष्ट्रपति ने युवाओं को एक संकल्पित राष्ट्र के निर्माण में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि वे अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल अपने भविष्य को सुनहरा बना सकते हैं, बल्कि राष्ट्र की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। शेरवुड कॉलेज का यह समारोह केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायी घटना है, जो छात्र-छात्राओं के लिए अपने लक्ष्य को विशाल बनाने और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने का अवसर प्रदान करता है।

लेखक: सुषमा वर्मा, राधिका नायर, टीम धर्मयुद्ध

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