ईडी छापे का अपडेट: मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर 12 घंटे तक चली कार्रवाई, दस्तावेज और मोबाइल जब्त

मनेंद्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 650 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय

ईडी छापे का अपडेट: मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर 12 घंटे तक चली कार्रवाई, दस्तावेज और मोबाइल जब्त
मनेंद्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में हुए 650 करोड़ रुपये के घ�

ईडी छापे का अपडेट: मोक्षित कॉर्पोरेशन के ठिकानों पर 12 घंटे तक चली कार्रवाई, दस्तावेज और मोबाइल जब्त

मनेंद्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में 650 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दुर्ग में की गई विशेष कार्रवाई बुधवार को देर शाम समाप्त हो गई। यह छापेमारी मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा के गंजपारा स्थित कार्यालय और निवास पर की गई, जो सुबह 8 बजे से शुरू होकर करीब 12 घंटे तक चली। इस कार्रवाई के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज, रिकॉर्ड और मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

ED Raid Image

सक्रियता का महत्त्व

ईडी की यह कार्रवाई CGMSC द्वारा किए गए रिएजेंट, ईडीटीए ट्यूब एवं सीबीसी मशीन की खरीद में घोटाले की जांच का हिस्सा थी। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) द्वारा पेश की गई 18,000 पन्नों की चार्जशीट में सामने आया है कि 5 लाख की कीमत वाली CBC मशीनें 17 लाख में खरीदी गई थीं, जबकि बाजार मूल्य पर उपलब्ध EDTA ब्लड सैंपल ट्यूब को 2,352 रुपये में बेचा गया।

छापेमारी की विधि और दस्तावेजों की बरामदगी

छापेमारी के लिए लगभग 20 ईडी अधिकारी 7 गाड़ियों में पहुंचे थे। इस दौरान, CRPF की महिला बल भी तैनात की गई थी। जांच के दौरान, अधिकारियों ने सिद्धार्थ चोपड़ा का मोबाइल, CGMSC से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोक्षित कॉर्पोरेशन के पिछले 10 वर्षों के ऑडिट रिकॉर्ड और संपत्ति से जुड़े कागजात जब्त किए, साथ ही कुछ फर्जी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए।

ईडी अधिकारियों की कार्यवाही

ईडी की टीम ने शशांक चोपड़ा के भाई सिद्धार्थ चोपड़ा और शरद चोपड़ा के बैंक लॉकरों की जांच की। इस छानबीन के बाद, ईडी की टीम रात 8.30 बजे रायपुर के लिए रवाना हुई। इस प्रकार की कार्रवाई से अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ईडी इस मामले में और भी खुलासे कर सकती है।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार की कार्रवाई न केवल न्यायिक प्रभाव डालती है बल्कि सरकारी प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी मजबूत करती है। यह साबित करती है कि किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, यह संदेश भी जाता है कि सिस्टम में परिवर्तन आवश्यक है।

कुल मिलाकर, इस छापेमारी ने छत्तीसगढ़ के मेडिकल सेवाओं की वास्तविक स्थिति को सामने लाया है। ED की प्राथमिकता इसे सुधारना और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना है।

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लेखक: सुषमा वर्मा, टीम धर्मयुद्ध

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