उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली को मिली मंजूरी
देहरादून। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विधानसभा के आगामी मानसून सत्र को लेकर अहम फैसला लिया गया। कैबिनेट ने जुलाई महीने में सत्र बुलाने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि सत्र की तिथि और स्थान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा तय की जाएगी। बैठक में शिक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा निर्णय लिया […]

उत्तराखंड कैबिनेट द्वारा विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली को मिली मंजूरी
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देहरादून। उत्तराखंड की प्रदेश मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में विधानसभा के आगामी मानसून सत्र को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में कैबिनेट ने जुलाई में मानसून सत्र बुलाने को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है। हालांकि, सत्र की सटीक तिथि और स्थान का निर्धारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाएगा।
कैबिनेट के शिक्षा निर्णय का महत्व
बैठक के दौरान, प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। उत्तराखंड राज्य विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली 2025 को मान्यता दी गई है। इस नियमावली के तहत, प्रदेश में विशेष शिक्षा के शिक्षकों के 135 पदों पर भर्ती की जाएगी। यह निर्णय विशेष जरूरतों वाले बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
विशेष शिक्षा का समाज पर प्रभाव
विशेष शिक्षा, वे बच्चों के लिए आवश्यक है जो शिक्षा में विशेष सहायता और ध्यान की आवश्यकता रखते हैं। विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली के लागू होने से इन बच्चों को बेहतर संसाधन, समर्थन और शिक्षा प्राप्त होगी। इससे उनकी शिक्षा संबंधी जरूरतें पूरी करने तथा उन्हें समाज में सक्षम और साक्षर बनाने में मदद मिलेगी। प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस निर्णय से बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा होगी और उन्हें समुचित विकास के अवसर मिलेंगे।
स्वच्छ भारत मिशन की नई शुरुआत
कैबिनेट बैठक में शिक्षा के क्षेत्र के अलावा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तीसरे चरण को शुरू करने के संबंध में भी निर्णय लिए गए हैं। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता संबंधी कार्यों को नई गति देने का उद्देश्य रखती है। पंचायती राज विभाग को इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए अधिकृत किया गया है, जो स्थानीय प्रशासन को स्वच्छता की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने का अवसर प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
इन दोनों निर्णयों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि स्वच्छता के क्षेत्र में भी गहन प्रयास कर रही है। विशेष शिक्षा शिक्षक सेवा नियमावली का उद्देश्य विशेष जरूरतों वाले बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करना है, जबकि स्वच्छता मिशन ग्रामीण विकास को एक नई दिशा दे रहा है। इससे उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वच्छता में सुधार की प्रबल संभावना बनी हुई है।
अंत में, विशेष शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम से यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में शैक्षिक नीतियों में और सुधार होने की संभावना है। अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए, विजिट करें dharmyuddh.com.