क्वारब मार्ग को 24 घंटे खोलने की मांग, देवा का मशाल जुलूस
सोमवार शाम 6 बजे निकलेगा विशाल जुलूस सीएनई रिपोर्टर। अल्मोड़ा व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष, ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष और कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दीपेश चंद्र जोशी ‘देवा भाई’ ने प्रशासन से क्वारब डेंजर जोन मार्ग को सभी वाहनों के लिए 24 घंटे खोलने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी […] The post क्वारब मार्ग को 24 घंटे खोलने की मांग, देवा ने किया मशाल जुलूस का आह्वान appeared first on Creative News Express | CNE News.

क्वारब मार्ग को 24 घंटे खोलने की मांग, देवा का मशाल जुलूस
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कम शब्दों में कहें तो, अल्मोड़ा के व्यापार मंडल और ट्रक संघ के प्रतिनिधियों ने प्रशासन से क्वारब डेंजर जोन मार्ग को 24 घंटे खोलने की मांग की है।
जुलूस का आह्वान
सोमवार को शाम 6 बजे एक विशाल जुलूस का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अगुवाई अल्मोड़ा व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष एवं ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अल्मोड़ा के अध्यक्ष दीपेश चंद्र जोशी, जिन्हें स्थानीय जनता ‘देवा भाई’ के नाम से जानती है, करेंगे।
क्या है मुद्दा?
क्वारब मार्ग, जिसे डेंजर जोन के रूप में जाना जाता है, वर्तमान में केवल सीमित समय के लिए खोला जाता है। स्थानीय व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट संघ के अध्यक्षों ने इस पर चिंता जताते हुए दावा किया है कि यह मार्ग 24 घंटे खुला रहना चाहिए ताकि परिवहन संबंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
प्रशासन की भूमिका
देवा भाई ने कहा, "हमें प्रशासन से अनुरोध करना चाहिए कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द उचित कदम उठाएं।" उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो उन्हें और उनके समर्थकों को मजबूरन सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
समर्थन और अपेक्षाएँ
इस जुलूस में स्थानीय व्यापारियों सहित विभिन्न समाजसेवियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, लोगों की अपेक्षाएँ हैं कि प्रशासन की तरफ से समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
आगे की राह
इस जुलूस का आयोजन न केवल एक आंदोलन है बल्कि यह प्रशासन को स्थानीय नागरिकों के मुद्दों की गंभीरता को समझाने का एक प्रयास भी है। क्वारब मार्ग का 24 घंटे खुला रहना न केवल ट्रांसपोर्ट के लिए बल्कि स्थानीय व्यापार के लिए भी लाभदायक होगा।
चूंकि इस मुद्दे पर चर्चा और कार्रवाई की आवश्यकता है, लोगों को इस जुलूस में भाग लेकर अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया गया है।
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यह आंदोलन अल्मोड़ा में एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक मुद्दा बनता जा रहा है, और लोग इसमें अपनी भागीदारी को जरूरी मान रहे हैं।