छत्तीसगढ़: 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, आरोपी रिश्तेदार
एफएनएन, बालोद: छत्तीसगढ़ में बेटियां सेफ नहीं है. बालोद जिले के गुंडरदेही में एक 9 साल की मासूम लड़की से दुष्कर्म की घटना हुई है. 55 साल के बुजुर्ग व्यक्ति ने तीसरी क्लास में पढ़ने वाली बच्ची को अपने हवस का शिकार बनाया. पुलिस की तफ्तीश में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने बच्ची को दुर्गा […] The post दुर्गा पूजा दिखाने के बहाने 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म appeared first on Front News Network.

छत्तीसगढ़: 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, आरोपी रिश्तेदार
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कम शब्दों में कहें तो, छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में 9 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का भयानक मामला प्रकाश में आया है, जिससे समाज में व्याप्त असुरक्षा के प्रश्न उठ रहे हैं।
बालोद में दुष्कर्म का मामला
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुंडरदेही क्षेत्र में एक 55 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति ने तीसरी कक्षा की छात्रा को दुर्गा पूजा दिखाने के बहाने अपने हवस का शिकार बना लिया। इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि हमारी बच्चियाँ अब सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार, आरोपी ने बच्ची को मोटरसाइकिल पर बिठाकर जंगल में ले जाकर दुष्कर्म किया और उसके गले को दबाने का प्रयास भी किया।
घटनाक्रम का विवरण
22 सितंबर की शाम को, जब बच्ची खेल रही थी, आरोपी ने उसे बुलाया और दुर्गा पूजा दिखाने का लालच दिया। बच्ची ने साहस दिखाते हुए न केवल इस भयंकर घटना के बारे में स्थानीय लोगों को बताया, बल्कि इससे पुलिस को भी सूचना मिल पाई। इस हिंसक वारदात के बाद बच्ची ने भागकर पास के एक गाँव में जाकर ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी।
पुलिस का एक्शन
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी की चप्पल और चश्मा जैसे महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए। आरोपी पहले ही चोरियों के मामलों में जेल जा चुका है और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की तफ्तीश जारी है।
मोनिका ठाकुर, एएसपी, बालोद ने कहा, "पीड़िता का बड़ा पापा आरोपी है। हमने शिकायत प्राप्त की है और आगे की जांच की जा रही है।" पुलिस ने कहा कि हर पहलु की जांच की जाएगी और बलात्कारी को कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
बच्ची ने इस घटना की जानकारी देने में साहस दिखाया और इसने हमें याद दिलाया है कि बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। समाज को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हम अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। बच्चों को सुरक्षा का एहसास कराना और उन्हें सिखाना कि वे यदि किसी मुसीबत में हैं तो किस तरह से मदद मांग सकते हैं, बेहद आवश्यक है। इस संबंध में समुदाय के लोगों को भी जागरूक करने की जरूरत है।
हम सभी को मिलकर एक ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए जहां बच्चे सुरक्षित महसूस कर सकें। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, स्कूल, और परिवार सभी को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।
अपने बच्चों को सुरक्षित रखना एक साझा जिम्मेदारी है। आइये, हम सब मिलकर इस दिशा में प्रयास करें।
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सादर, टीम धर्म युद्ध, मोना शर्मा