बरेली में रबर फैक्ट्री विवाद: प्रशासन ने 1300 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोर्ट में दी याचिका

एफएनएन, बरेली : ढाई दशक से बंद फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री की 13 सौ एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़ाया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन पर कब्जा लेने के लिए जिला कोर्ट में वाद दर्ज कराने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। यूपीसीडा के क्षेत्रीय कार्यालय से […] The post रबर फैक्ट्री मामला…प्रशासनिक अधिकारियों ने 1300 एकड़ जमीन कब्जा लेने के लिए जिला कोर्ट में वाद दर्ज कराने के लिए शासन से मांगी अनुमति appeared first on Front News Network.

बरेली में रबर फैक्ट्री विवाद: प्रशासन ने 1300 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोर्ट में दी याचिका
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बरेली में रबर फैक्ट्री विवाद: प्रशासन ने 1300 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए कोर्ट में दी याचिका

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कम शब्दों में कहें तो, प्रशासन ने ढाई दशक से बंद पड़ी फतेहगंज पश्चिमी की रबर फैक्ट्री की 1300 एकड़ जमीन पर कब्जा लेने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने जिला कोर्ट में वाद दर्ज कराने के लिए शासन से अनुमति मांगी है।

प्रशासन का नया कदम

हाल ही में, प्रशासन ने यूपीसीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से औद्योगिक अनुभाग के प्रमुख सचिव को एक अनुदान पत्र भेजा है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अनुमति मिलने के बाद ही जिला अदालत में वाद दर्ज कराया जाएगा। योजना के तहत, बरेली की जिला अदालत में डीजीसी (सिविल) के माध्यम से मामला आगे बढ़ाने की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। अभी प्रशासनिक अधिकारी शासन से अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।

कानूनी पृष्ठभूमि

यह विवादित मामला पिछले वर्ष दिसंबर में तब और जटिल हो गया था, जब शासन ने भूमि वापस लेने के लिए जिला प्रशासन को बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग वाद दाखिल करने की अनुमति प्रदान की थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वे पक्षकार बनने के लिए संशोधित प्रार्थना पत्र पेश करें। यह मामला वर्षों से कानूनी पचड़ों में फंसा हुआ है और अदालतों की चक्की में चल रहा है।

भूमि का इतिहास

यह संपत्ति 1960 के दशक में मुंबई के व्यवसायी सेठ किलाचंद को 3.40 लाख रुपये में 1382.23 एकड़ लीज पर दी गई थी। लीज में यह स्पष्ट उल्लेख था कि यदि फैक्ट्री बंद हो जाती है, तो सरकार को संपत्ति वापस लेने का अधिकार है। हालांकि, यह शर्त पिछले दो दशकों से लागू नहीं की गई और फैक्ट्री 15 जुलाई 1999 से पूरी तरह बंद हो गई।

प्रशासन का दृष्टिकोण

प्रशासन ने अब तक रबर फैक्ट्री की जमीन को वापस लेने के लिए अदालतों में मुकदमे दायर किए हैं। हाल के कानूनी सलाहकारों ने प्रशासन को इस मामले को जिला अदालत में ले जाने की सलाह दी है। प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि यह कदम प्रशासन को जमीन पर दुबारा कब्जा करने में सहायता कर सकता है।

आगे की कार्रवाई

जैसे ही प्रशासन को शासन से अनुमति प्राप्त होगी, आवश्यक कार्यवाही शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। कोर्ट में वाद दर्ज कराने के बाद, मामले की सुनवाई महत्वपूर्ण होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन की यह कार्रवाई किस स्तर तक सफल होती है और यह औद्योगिक विकास के लिए क्या परिणाम लेकर आती है।

इस प्रकार, रबर फैक्ट्री मामले में प्रशासन के प्रयास यह संकेत देते हैं कि वे कानून के दायरे में रहकर प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए गंभीर हैं। यह मामले का परिणाम आगे चलकर देशभर के औद्योगिक क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव डालेगा।

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— Team Dharm Yuddh, स्नेहा शर्मा

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