युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के लिए विभागीय समन्वय की महत्ता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी संबंधित विभागीय सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को सचिवों के साथ बैठक कर इसके लिए ठोस रणनीति बनाने […] The post युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए विभागीय सचिव समन्वय के साथ करें कार्य appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

युवाओं के विकास के लिए विभागीय सचिव समन्वय की महत्ता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कौशल विकास एवं श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी विभागीय सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को यह निर्देश भी दिए कि सचिवों के साथ मिलकर ठोस रणनीति बनाने के लिए बैठक करें।
कम शब्दों में कहें तो
युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए विभागीय समन्वय का होना आवश्यक है, जिससे उनकी व्यक्तिगत और राज्य की आर्थिक प्रगति में योगदान मिले।
कौशल विकास का महत्व
आधुनिक युग में कौशल विकास न केवल रोजगार की दर को बढ़ाता है, बल्कि इसमें खुदरा, निर्माण एवं तकनीकी क्षेत्रों में आवश्यक कौशल पैदा करने की आवश्यकता है। राज्य में करोड़ों युवा ऐसे हैं जिन्हें सही मार्गदर्शन और कौशल की आवश्यकता है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि राज्य की समग्र आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूती प्रदान करेगा। इन सब के बीच अगर विभिन्न क्षेत्रों में समन्वय का अभाव होगा, तो युवाओं को समुचित अवसर नहीं मिलेंगे।
प्रमुख अधिकारियों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे आपसी समन्वय में सुधार करें। एक प्रभावी प्रणाली का निर्माण आवश्यक है, जिसमें प्रशिक्षण संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों का समावेश हो सके। यह सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक ठोस कार्य योजना की आवश्यकता है जिसमें सभी विभागों का योगदान मूलभूत होगा।
आगामी बैठक का महत्व
सीएम द्वारा आयोजित आगामी बैठक एक महत्वपूर्ण मंच हो सकती है, जहाँ संबंधित सचिव, उद्योग संघों और शिक्षा संस्थानों से संवाद कर नवीनतम जानकारियां प्राप्त की जाएंगी। यह बैठक राज्य के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है; यहाँ आवश्यक संसाधनों का सही एवं प्रभावी बंटवारा करने पर ध्यान दिया जाएगा।
अंतिम शब्द
युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए उपयुक्त कदम उठाने की आवश्यकता है। सचिवालय में होने वाली बैठक से यह उम्मीद की जाती है कि यह ठोस कार्य योजना बनाने में सहायक सिद्ध होगी, जो युवाओं के बेहतर भविष्य के निर्माण में योगदान करेगी। सीएम धामी का यह निर्देश एक नई शुरुआत का संकेत देता है, जिससे राज्य के युवा अपने सपनों को साकार कर सकेंगे। यदि इस दिशा में प्रयास सही ढंग से किए गए, तो निश्चित ही यह प्रदेश के समग्र विकास को बढ़ावा देगा, जिससे न केवल युवाओं का बल्कि पूरी समुदाय का लाभ होगा।
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सभी संबंधित विभागों को मिलकर कार्य करने की दिशा में इस तरह के कदम उठाना आवश्यक है। इससे न केवल नौकरी की संभावनाएँ बढ़ेंगी, बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।
लेखक: सुषमा रावत, नेहा अग्रवाल, टीम धर्मयुद्ध