राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 का ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य पर आयोजित ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भारतीय सहकारी समिति लिमिटेड और उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ के मध्य समझौता ज्ञापन हुआ। इस […] The post राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य पर आयोजित ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम आयोजित हुआ appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 का ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राजभव�

राजभवन में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 का ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम

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कम शब्दों में कहें तो, भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अवसर पर सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इसके तहत, बुधवार को राजभवन में ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य और महत्व

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सहकारिता के विकास को बढ़ावा देना और लोगों के बीच सहयोग बढ़ाना है। सहकारिता संगठन आमतौर पर किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने वाले प्लेटफार्म होते हैं। इस आयोजन में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इस बात की पुष्टि की कि राज्य सरकार इस दिशा में गंभीर है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

कार्यक्रम के दौरान, भारतीय सहकारी समिति लिमिटेड और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता सहकारी आंदोलनों को मजबूत बनाने का संकेत है और भविष्य में सहकारी गतिविधियों की बढ़ोतरी की संभावना को उजागर करता है। इस समझौते के पालन से स्थानीय स्तर पर अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिल सकता है।

सहकारिता की भूमिका

सहकारिता न केवल आर्थिक स्थिरता में महत्व रखती है बल्कि सामाजिक सामर्थ्य के निर्माण में भी योगदान करती है। यह किसानों को एकजुट होने, अपनी आवाज उठाने और उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों तक पहुंच प्रदान करने का माध्यम है। सहकारी समितियों के माध्यम से लोग अपने अधिकारों का संरक्षण कर सकते हैं और स्थानीय सामुदायिक विकास में भाग ले सकते हैं।

राज्य सरकार की पहल

राज्य सरकार सहकारिता के विकास को प्राथमिकता दे रही है और इसके लिए कई योजनाएँ लागू कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि सहकारिता क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों को और अधिक प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 एक वैश्विक स्तर पर सहकारिता की उपलब्धियों और इसकी भूमिका को मान्यता देने का अवसर है। विभिन्न देशों में सहकारी समितियाँ किसानों की आय को बढ़ाने और सामाजिक विकास में योगदान के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। ऐसे में, यह वर्ष सहकारिता की संभावनाओं का अन्वेषण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, राजभवन में आयोजित ‘सहकारिता में सहकार’ कार्यक्रम ने सहकारिता को बढ़ावा देने में कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ प्रदान किया है। यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो सहकारिता निश्चित रूप से स्थानीय और राष्ट्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए, आप यहां क्लिक करें.

इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत सरकार अपने नागरिकों के सहयोग से सहकारिता क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

सत्यमती कुमारी, Team Dharm Yuddh