विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: मुख्यमंत्री ने कहा, यह दिन सदैव याद रहेंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम […] The post विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर बोले मुख्यमंत्री, इस दिन को कभी नहीं भूल सकते appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: मुख्यमंत्री ने कहा, यह दिन सदैव याद रहेंगे
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्होंने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने विभाजन के समय हुए दुखों और कष्टों का जिक्र करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम कभी नहीं भूल सकते। यह दिन एक दुखद घटना के रूप में हमारे भारतीय इतिहास में दर्ज है, जिसने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
विभाजन विभीषिका का महत्व
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन इस घटना की गंभीरता को समझने के लिए किया जाता है। यह दिन उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का समारोह है, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपने प्राणों और प्रियजनों को खोया। यह सिर्फ अतीत के दर्द को याद करने का अवसर नहीं है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को इस महाक्रांति से सीखने का भी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें इस अन्याय और दंश से भरे इतिहास को न केवल याद रखना है, बल्कि इसे आने वाली पीढ़ियों को भी सिखाना चाहिए।
स्मृति स्मारक का महत्व
मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया स्मारक उन शहीदों और शरणार्थियों की याद में बनाया जाएगा, जिन्होंने विभाजन के दौरान भारी कष्ट झेले। यह स्मारक न केवल ऐतिहासिक स्थल होगा, बल्कि यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी बनेगा। धामी ने इसे देश की एकता और संगठितता का प्रतीक बताया, जिससे आने वाले समय में एक समर्पित समाज का निर्माण किया जा सकेगा।
समाज में जागरूकता और एकता की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने समाज में विभाजन विभीषिका के प्रति जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विविधता है, और हमें इस विविधता को समझते हुए एकता की ओर बढ़ना होगा। विभाजन की घटनाओं ने हमें यह सिखाया है कि नफरत और मतभेदों का समाज में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। समाज में समरसता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
14 अगस्त हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जो हमें विभाजन के विषय में सोचने और अपने अतीत से सीखने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री की इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि सरकार विभाजन विभीषिका की स्मृति को संजीवनी देकर एकता और भाईचारे की दिशा में उठाए गए कदमों के प्रति गंभीर है। हमें भी इस दिन को एक नए संकल्प के साथ लेना चाहिए और जातीय बंधनों को और मजबूत बनाना चाहिए।
इसलिए, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस केवल एक विशेष दिन नहीं है, बल्कि यह सभी भारतीयों के लिए एक अवसर है कि वे अपने इतिहास से कुछ सीखें और अपने समाज में एकता और सहयोग को बढ़ावा दें।
युवाओं को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अधिक जागरूक करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह न केवल हमारे अतीत के प्रति हमारी जिम्मेदारी है, बल्कि हमारे भविष्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के माध्यम से हम यह वचन ले सकते हैं कि हम अपने देश की विविधता का हमेशा सम्मान करेंगे।
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सादर, टीम धर्म युद्ध - अंजलि शर्मा