शादी के बाद पति की हत्याओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद की चिंता, समाज को दी सलाह

नितिन नामदेव, रायपुर. शादी के बाद पति की हत्या की घटनाओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने चिंता जताई

शादी के बाद पति की हत्याओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद की चिंता, समाज को दी सलाह
नितिन नामदेव, रायपुर. शादी के बाद पति की हत्या की घटनाओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती

शादी के बाद पति की हत्याओं पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद की चिंता, समाज को दी सलाह

कम शब्दों में कहें तो, शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने शादी के बाद पति की हत्या की घटनाओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है।

नितिन नामदेव, रायपुर। हाल ही में रायपुर के रावणभाटा स्थित सुदर्शन संस्थानम शंकराचार्य आश्रम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में स्वामी निश्चलानंद ने ऐसे दयनीय मुद्दे पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने समाज को आत्ममंथन करने की आवश्यकता का आह्वान किया। स्वामी निश्चलानंद ने कहा कि आधुनिक समय में जो लोग शादी के लिए एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, वही अक्सर अपने जीवनसाथी को खत्म करने की घटनाओं में लिप्त हो जाते हैं।

प्रेम और विवाह का पतन

स्वामी निश्चलानंद ने गहरी चिंताओं के साथ कहा, "जिसके साथ विवाह किया प्रमाणिक प्रेम से नहीं, बल्कि स्वार्थ से किया जाता है।" इससे यह सवाल उठता है कि यदि कोई महिला अपने पहले पति को खत्म करके दूसरा विवाह करने में सफल होती है, तो क्या यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि वह अपने दूसरे पति के साथ भी ऐसा नहीं करेगी? उन्होंने इसे आत्मिक पतन करार दिया और कहा कि प्यार के नाम पर हो रही हिंसा के पीछे एक गहरी समस्या है।

समाज का आत्ममंथन

स्वामी निश्चलानंद ने इस मुद्दे पर समाज के लोगों से आत्ममंथन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "प्यार और विवाह का जो आधार है, वह अत्यंत कमजोर हो गया है।" इस पर गंभीर चर्चा और गहराई से विचार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं घटित न हों।

भाषा और संस्कृति

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वामी निश्चलानंद ने हिंदी भाषा को लेकर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों में चल रहे हिंदी विरोध पर विचार करते हुए कहा, "जब लोग दिल्ली आते हैं, तो वे हिंदी में बात करते हैं। तो फिर अपने राज्‍यों में हिंदी का विरोध क्यों?" उन्होंने सुझाव दिया कि किसी भी भाषा का अनादर करना ठीक नहीं है और हमें इसे गर्व से बोलना चाहिए।

गाय की रक्षा

छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को गाय देने की योजना पर भी स्वामी निश्चलानंद ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गाय की रक्षा करना आवश्यक है और इसके साथ संवाद साधने तथा वृद्धिशील प्रगति पर ध्यान देना चाहिए।

समापन विचार

स्वामी निश्चलानंद की चिंताएं आज के समाज में एक गंभीर मुद्दा बन गई हैं। उनका संदेश है कि हमें अपने पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूती प्रदान करनी चाहिए। प्यार, समझ और विचारशीलता की अत्यधिक आवश्यकता है। यदि हम एक बेहतर समाज की कल्पना करते हैं, तो हमें किसी भी प्रकार की हिंसा और नकारात्मकता को समाप्त करना होगा।

स्वामी निश्चलानंद ने अंत में समाज से अपील की कि वे आत्ममंथन करें और वास्तविक प्रेम की गहराई को समझें। इस प्रकार उनके विचारों ने सभी उपस्थित लोगों को सोचने पर मजबूर किया।

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