सुरक्षात्मक कार्यों का तात्कालिक निष्पादन: धार्मिक स्थलों और बाढ़ सुरक्षा का महत्त्व
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद नैनीताल के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के मुख्य टीले के सुरक्षात्मक कार्यो तथा गोला नदी से सटे आपदा प्रबंधन से संबंधित बाढ़ सुरक्षात्मक व सड़क सुधार कार्यों के दो प्रकरणों पर चर्चा की गई। […]

सुरक्षात्मक कार्यों का तात्कालिक निष्पादन: धार्मिक स्थलों और बाढ़ सुरक्षा का महत्त्व
देहरादून। राज्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमें जनपद नैनीताल के रामनगर स्थित गर्जिया देवी मंदिर के टीले के सुरक्षात्मक कार्य और गोला नदी से जुड़े बाढ़ प्रबंधन व सड़क सुधार के विषयों पर चर्चा की गई। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Dharm Yuddh
बैठक की अहम बातें
मुख्य सचिव ने बैठक में गर्जिया देवी मंदिर के सुरक्षात्मक कार्यों की प्रगति पर चर्चा करते हुए उन कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए जिनका शेष रह जाना राज्य की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की गई।
सुरक्षात्मक कार्यों का महत्त्व
सुरक्षात्मक कार्य बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। इन कार्यों में मंदिर के चारों ओर सुरक्षा दीवारों का निर्माण, जल निकासी प्रणाली का सुधार और सड़कों की स्थिति में सुधार शामिल हैं। यह उपाय न केवल स्थानीय निवासियों की सुरक्षा बढ़ाते हैं, बल्कि धार्मिक पर्यटन में भी वृद्धि करते हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।
आवश्यक कदम और निर्देश
मुख्य सचिव ने नैनीताल के लालकुआं क्षेत्र में गोला नदी के प्रवाह से क्षतिग्रस्त मार्गों की हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कराने के निर्देश दिए। इस अध्ययन का उद्देश्य बाढ़ के समय में सुरक्षित मार्गों और संरचनाओं का निर्माण करना है, जिससे भविष्य में होने वाली क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
प्रशासन की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार की प्रशासनिक शृंखला इन सुरक्षात्मक कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य अधिकारियों ने सुरक्षात्मक कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्रशासनिक अनुमति और निर्देशन की प्रक्रिया को तेज किया गया है।
निष्कर्ष
सुरक्षात्मक कार्यों का तात्कालिक निष्पादन बेहद जरूरी है ताकि राज्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षित रह सके। प्रभावी और सही समय पर कार्यान्वयन न केवल राज्य के विकास में बल्कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा। इसलिए, यह अनिवार्य है कि प्रशासन और स्थानीय समुदाय मिलकर इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्य करें।
कम शब्दों में कहें तो, सुरक्षात्मक कार्यों की जल्दी प्राप्ति राज्य की सुरक्षा और विकास के लिए आवश्यक है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं: dharmyuddh.com
— साक्षी शर्मा, टीम धर्म युद्ध