सोनीपत में नौकरी का झांसा देकर 34 लाख हड़पे:फ्रॉड का शिकार 5 जनों में 4 महिलाएं; कोर्ट और मिनिस्ट्री के फर्जी लैटर दिए

सोनीपत जिले के खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव फिरोजपुर बांगर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 34 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर तीन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। ये उनके गांव के ही रहने वाले हैं। शिकायतकर्ता आनंद कुमार ने बताया कि वह गांव फिरोजपुर बांगर का रहने वाला है। वह अपनी पत्नी काजल की नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान गांव के ही रिंकू (जो सेक्टर-16 रोहिणी दिल्ली में रहता है) ने कझांवला कोर्ट दिल्ली में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। शिकायत के अनुसार, रिंकू ने कहा कि प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपए लगेंगे, लेकिन अधिक लोग होने पर राशि कम हो जाएगी। रिंकू के पिता बाबूलाल (जो एमसीडी दिल्ली में कार्यरत हैं) और भाई गौतम ने भी भरोसा दिलाया कि उनका बेटा कई लोगों को नौकरी लगवा चुका है। आनंद ने अपनी पत्नी सहित चार अन्य लोगों - सीमा, नीतू, पंकज और निशा को भी साथ जोड़ा। आरोपियों ने प्रति व्यक्ति 7 लाख रुपए तय किए। उसने कई किश्तों में रिंकू और गौतम को कुल 34 लाख रुपए दिए। आरोपियों ने तीस हजारी कोर्ट दिल्ली और मिनिस्ट्री ऑफ वुमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट के ज्वाइनिंग लेटर दिए, जो जांच में फर्जी पाए गए। आनंद कुमार ने ने 5 मार्च को पुलिस कमिश्नर सोनीपत को इस धोखाधड़ी के पूरे मामले में शिकायत दी थी। कोई कार्रवाई न होने पर उसने खरखौदा कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब थाना खरखौदा में आरोपी बाबूलाल, रिंकू और गौतम के खिलाफ धारा 406/420/467/468/471/477/506/34/120B IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

सोनीपत में नौकरी का झांसा देकर 34 लाख हड़पे:फ्रॉड का शिकार 5 जनों में 4 महिलाएं; कोर्ट और मिनिस्ट्री के फर्जी लैटर दिए
सोनीपत जिले के खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव फिरोजपुर बांगर में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 34 लाख

सोनीपत में नौकरी का झांसा देकर 34 लाख हड़पे

सोनीपत में हाल ही में एक गंभीर फ्रॉड का मामला सामने आया है जहां पांच व्यक्तियों को नौकरी का झांसा देकर लगभग 34 लाख रुपये ठग लिए गए। इस घटना में चार महिलाएं शामिल हैं, जिन्होंने नकली नौकरी के ऑफर के चलते अपनी जमा पूंजी खो दी। ठगों ने फर्जी कोर्ट और मंत्रालय के पत्र भी जारी किए, जो कि लोगों को विश्वास दिलाने के लिए बनाए गए थे।

फ्रॉड का तरीका

यह फ्रॉड इतना संगीन है कि ठगों ने अपने victims को यह विश्वास दिलाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई थीं। पहले चरण में, ठगों ने नौकरी के आकर्षक प्रस्ताव के साथ लोगों से संपर्क किया। बाद में, उन्होंने अपने victims को यह दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज़ और पत्र भेजे कि उनके आवेदन स्वीकृत हो गए हैं।

महिलाओं का शिकार होना

इस घटना में चार महिलाएं शामिल हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आती हैं। इन महिलाओं ने अपने परिवारों की बचत और कर्ज लेकर ठगों को भुगतान किया। यह घटना न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि उन्हें ऐसे धोखाधड़ी से सावधान रहना चाहिए।

कोर्ट और मंत्रालय के फर्जी पत्र

जिसमें इन ठगों ने फर्जी पत्र बनाकर पेश किए, वह न केवल उनके लिए एक सुनियोजित योजना का हिस्सा था, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ऐसे अपराधी कितने चालाक हो सकते हैं। फर्जी कोर्ट और मंत्रालय के पत्रों ने victims को यह यकीन दिलाया कि वे सही रास्ते पर हैं।

सुरक्षा उपाय और जागरूकता

इस घटना से प्रेरित होकर, यह आवश्यक है कि लोग जागरूक रहें और नौकरी के प्रस्तावों के प्रति सतर्कता बरतें। किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए, यह सुझाव दिया जाता है कि लोग केवल विश्वसनीय स्रोतों और वेबसाइटों का उपयोग करें और किसी भी प्रकार के अनवांटेड वित्तीय लेनदेन से बचें।

समाज को इस मामले की गंभीरता को समझना चाहिए और ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस जानकारी को साझा करें ताकि कोई और इस तरह के फ्रॉड का शिकार न हो।

यदि आप किसी भी धोखाधड़ी का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें और उन्हें सूचित करें।

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