उत्तराखंड में यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह का इस्तीफा: राजनीतिक संकट की नई परतें
एफएनएन, गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा का मॉनसून सत्र दो दिन भी सही से नहीं चला सका. हंगामे के चलते मॉनसून सत्र में सिर्फ 2 घंटे 40 मिनट ही चल पाया. मॉनसून सत्र में प्रश्नकाल भी नहीं हुआ. वहीं बीजेपी सरकार की कार्यशैली से नाराज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक […] The post नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य पद से दिया इस्तीफा appeared first on Front News Network.

उत्तराखंड में यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह का इस्तीफा: राजनीतिक संकट की नई परतें
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हाल ही में आयोजित मॉनसून सत्र बेहद हंगामेदार और तनावपूर्ण रहा, जिसके परिणामस्वरूप नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया।
गैरसैंण की भराड़ीसैंण विधानसभा में आयोजित मॉनसून सत्र केवल 2 घंटे 40 मिनट तक ही चल सका, जिसमें प्रश्नकाल का आयोजन भी नहीं हो सका। इस दौरान हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही में कई बाधाएँ उत्पन्न हुईं, जिसके चलते इन दोनों नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इस्तीफे का निर्णय लिया।
बीजेपी पर लगा तानाशाही का आरोप
यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को अपने इस्तीफे की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार के तहत कार्यमंत्रणा समिति का संचालन असम्मानजनक और तानाशाहाना तरीके से हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कई विधानसभा सत्रों में समिति में असमानता और मनमानी का माहौल बना है। मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान कार्यसमिति की बैठक से पहले सभी सदस्यों को संभावित कार्यक्रम भेजा गया था, जिसे 19 अगस्त से 22 अगस्त तक आयोजित करने की बात कही गई थी।
बैठक की कमी बनी चिन्ता का विषय
18 अगस्त को बुलाई गई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में केवल 19 अगस्त के उपवेशन कार्यक्रम को तय किया गया था, लेकिन 19 अगस्त को कोई बैठक नहीं हुई। यह स्थिति सदन के सदस्यों के बीच असंतोष को और बढ़ा गई। विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार को पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलानी चाहिए थी ताकि सदस्यों को विश्वास में लिया जा सके। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिसने यह स्पष्ट करते हुए कि बीजेपी सरकार सदन के संचालन में तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।
कांग्रेस की सक्रियता और सड़क पर प्रदर्शन
प्रदर्शन की दिशा में कांग्रेस के नेता प्रीतम सिंह ने यह भी घोषणा की है कि अब कांग्रेस अपनी आवाज को सड़क पर लाने के लिए तैयार है। सभी कांग्रेसी नेता आज शाम को भराड़ीसैंण में मोमबत्ती जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका एकमात्र उद्देश्य यह है कि सदन की कार्यवाही बिना किसी ठोस वजह के केवल 2 घंटे 40 मिनट ही चली, जो कि सबसे अहम जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष और सरकार की थी, न कि विपक्ष की।
कांग्रेस के विस्तृत आरोप और बिगड़ती कानून-व्यवस्था
प्रीतम सिंह का कहना है कि वर्तमान में उत्तराखंड में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है और वह बीजेपी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहते थे। हालांकि, पंचायत चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग पर चर्चा न हो पाने से विपक्ष के सभी सदस्य नाराज हैं।
इन घटनाओं ने उत्तराखंड की राजनीतिक पृष्ठभूमि को एक नई चमक दी है। जब कार्यमंत्रणा समिति में निर्णय केवल एकतरफा लिए जा रहे हैं, तो उस स्थिति में काम करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह का इस्तीफा यह सूचित करता है कि विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
समाप्ति पर, यह घटनाएँ उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत हो सकती हैं, जो आगे चलकर राज्य की राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। कांग्रेस का सड़क पर प्रदर्शन यह दिखाता है कि सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की आवश्यकता है।
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