एसएसपी द्वारा 28 इंस्पेक्टर और 26 दरोगा का मोहर्रम के लिए तबादला

एफएनएन, बरेली : आगामी त्योहारों को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने शुक्रवार की सुबह तबादला एक्सप्रेस दौड़ाते हुए 28 इंस्पेक्टरों और 26 दरोगा को इधर से उधर किया है। साथ ही रिश्वत की नोटों की गड्डी पर सोने वाले इंस्पेक्टर रामसेवक को पुलिस लाइन से क्राइम ब्रांच भेजा गया है। बता दें […] The post एसएसपी ने 28 इंस्पेक्टर 26 दरोगा को मोहर्रम को लेकर तबादला किया गया appeared first on Front News Network.

एसएसपी द्वारा 28 इंस्पेक्टर और 26 दरोगा का मोहर्रम के लिए तबादला
एफएनएन, बरेली : आगामी त्योहारों को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने शुक्रवार की सुबह

एसएसपी द्वारा 28 इंस्पेक्टर और 26 दरोगा का मोहर्रम के लिए तबादला

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कम शब्दों में कहें तो, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने शुक्रवार को 28 इंस्पेक्टरों और 26 दरोगा का तबादला किया है। यह कदम आगामी त्योहारों, विशेषकर कांवड़ यात्रा और मोहर्रम के मद्देनजर कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास में उठाया गया है।

तबादला की जानकारी

तबादला सूची में ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात प्रमुख अधिकारियों के नाम शामिल हैं। जैसे कि इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह को डीसीआरबी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि गिरीश प्रसाद को डीसीआरबी से पुलिस लाइन में स्थानांतरित किया गया है। सभी अधिकारियों को त्योहार के दौरान विशेष तैयारियों का ध्यान रखने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इसी दौरान, प्रदीप चतुर्वेदी को पुलिस लाइन से रिट सेल का कार्यभार सौंपा गया है, और धर्मेंद्र सिंह को मानवाधिकार का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही, राजेश और हरपाल जैसे अधिकारी भी महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारियां निभाएंगे। इन तबादलों का उद्देश्य क्षेत्र में पुलिसिंग की प्रभावशीलता को बढ़ाना है।

रिश्वत के मामले में इंस्पेक्टर का तबादला

इस बार का तबादला रामसेवक जैसे विवादास्पद इंस्पेक्टर का भी है, जिन्हें रिश्वत के आरोप में पुलिस लाइन से क्राइम ब्रांच भेजा गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर दो स्मैक तस्करों को रिहा किया था। यह घटना न केवल पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करती है, बल्कि उच्च प्रबंधन की स्थिरता को भी प्रभावित करती है।

एसएसपी अनुराग आर्य ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही की है और रामसेवक के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। हालांकि, उन्हें निलंबन के बाद गिरफ्तारी से बचने में सफलता मिली, जिससे यह सिद्ध होता है कि भ्रष्टाचार पुलिस सेवा में बड़ी बाधा है।

समाज में विश्वास की आवश्यकता

यह तबादला केवल त्योहारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह पुलिस की छवि को बेहतर बनाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है। जनता की सुरक्षा और विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पुलिस विभाग अपने कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता लाए। भविष्य में ऐसे ठोस कदम उठाना और भी आवश्यक होगा, जिससे क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनी रहे और जनता का विश्वास बरकरार रहे। एसएसपी अनुराग आर्य का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है।

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सादर,
टीम धर्म युद्ध - संध्या शर्मा