ग्वालियर में चेतकपुरी सड़क की कबूलनामा: मंत्री तुलसी सिलावट की बयानबाज़ी ने बढ़ाई विवाद की लहर

कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देशभर में ग्वालियर की सबसे ज्यादा किरकिरी कराने वाली नवनिर्मित चेतकपुरी सड़क सवालों के घेरे में है। क्योंकि

ग्वालियर में चेतकपुरी सड़क की कबूलनामा: मंत्री तुलसी सिलावट की बयानबाज़ी ने बढ़ाई विवाद की लहर
कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देशभर में ग्वालियर की सबसे ज्यादा किरकिरी कराने वाली नवनिर्मित चेतकपुरी

ग्वालियर में चेतकपुरी सड़क की कबूलनामा: मंत्री तुलसी सिलावट की बयानबाज़ी ने बढ़ाई विवाद की लहर

कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। ग्वालियर की नवनिर्मित चेतकपुरी सड़क, जो हाल ही में देशभर में चर्चा का विषय बनी है, अब सवालों के घेरे में आ गई है। इस सड़क ने पिछले 12 दिनों में 10 बार से ज्यादा धसकने की घटना घटी है। इस संदर्भ में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का ताज़ा कबूलनामा चर्चा का विषय बना हुआ है। सिलावट ने सार्वजनिक दबाव के चलते अधिकारियों पर निर्माण में तेजी लाने का दबाव बनाने का स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि “आप ही लोग मुझसे बोलते हैं कि सड़क नहीं बन रही है, फिर मैं अधिकारियों पर दबाव तो डालूंगा ही।” यह बयान ना सिर्फ उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाता है बल्कि निर्माण प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का भी संकेत देता है।

मंत्री का सड़क निरीक्षण

ग्वालियर की चेतकपुरी सड़क का निर्माण करोड़ों की लागत से किया गया है, लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है। गहराई में 5 से 10 फीट तक के गड्ढे शहरवासियों को परेशानी में डाल रहे हैं। जब मंत्री तुलसी सिलावट शहर के खस्ताहाल सड़कों का निरीक्षण करने निकले, तो उनके काफिले ने खुद भी गड्ढेदार रास्ते का सामना किया। जिस समय मंत्री पटेल नगर क्षेत्र से गुज़रे, उस समय गड्ढों को भरने का काम चल रहा था उसी दौरान एक राहगीर बाइक से गिर पड़ा।

मंत्री सिलावट ने इसका संज्ञान लेते हुए सभी जिम्मेदार अधिकारियों को सड़कों की जल्द मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के साथ मिलकर स्थिति का जायज़ा लिया और अधिकारियों को सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मीडिया के सवालों का आक्रामक जवाब

हालांकि, जब मीडिया ने मंत्री से सवाल पूछे, तो वे भड़क गए। उनकी प्रतिक्रिया से स्पष्ट होता है कि वे सवालों को सही ढंग से लेने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा, “आप ही लोग मुझसे कह रहे हैं कि सड़क बननी चाहिए, तो मैं अधिकारियों पर दबाव बना रहा हूं।” यह बयान उन्हें आलोचना के घेरे में ला रहा है, जहां कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने उनके बयान पर कड़ी निंदा की है और कहा कि मंत्री के प्रयासों से गैरकानूनी कार्य किए जा रहे हैं।

आरपी सिंह ने स्पष्ट किया कि यह ठेकेदार की जिम्मेदारी है कि वह सभी कानूनी मानकों का पालन करे। साथ ही, उनकी यह बात भी महत्वपूर्ण है कि जब मंत्री जैसे अधिकारी सीधे ठेकेदारों पर दबाव डालते हैं, तो वह कई कानूनी मुद्दों को जन्म देता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री को इस स्थिति पर संज्ञान लेना चाहिए।

गंभीर स्थितियों की ओर इशारा

तुलसी सिलावट का यह कबूलनामा ग्वालियर में सड़क निर्माण में हुई अनियमितताओं का बड़ा संकेत है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन को तुरंत कदम उठाने होंगे। साफ है कि सड़क की स्थिति में सुधार न होने पर आम जनता की सुरक्षा का खतरा बढ़ सकता है। यह केवल स्थानीय सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि संबंधित सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे आम जनता की भलाई की ओर ध्यान दें।

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निष्कर्ष

ग्वालियर की चेतकपुरी सड़क का मुद्दा न केवल सड़क निर्माण प्रशासन पर सवाल उठाता है, बल्कि सरकार की उचित नीतियों की कमी को भी उजागर करता है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस खतरे को गंभीरता से लेता है या फिर इसे नजरअंदाज करना जारी रखता है।

यह रिपोर्ट टीम धर्म युद्ध की तरफ से प्रिया शर्मा द्वारा तैयार की गई है।

Keywords:

Gwalior road issues, Tulsi Silawat confession, construction pressure, government accountability, traffic safety concerns, public works failures