नेहल मोदी की गिरफ्तारी: भारत की न्याय व्यवस्था के खिलाफ एक बड़ा कदम
एफएनएन, नई दिल्ली : पीएनबी घोटाले मामले में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई और ईडी के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद उन पर शिकंजा कसा गया है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव […] The post भगोड़े नीरव मोदी का भाई नेहल अमेरिका में गिरफ्तार, PNB घोटाले में CBI-ED की अपील पर एक्शन appeared first on Front News Network.

नेहल मोदी की गिरफ्तारी: भारत की न्याय व्यवस्था के खिलाफ एक बड़ा कदम
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कम शब्दों में कहें तो, नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है, जो पीएनबी घोटाले में महत्वपूर्ण भूमिका में संलग्न है। यह गिरफ्तारी सीबीआई और ईडी की अपील पर हुई है।
नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मामले में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की गिरफ्तारी अमेरिका में कर दी गई है। यह गिरफ्तारी सीबीआई और ईडी द्वारा की गई प्रत्यर्पण अपील के बाद की गई है। अमेरिका के न्याय विभाग ने पुष्टि की है कि 4 जुलाई को यह कार्रवाई की गई, जो नेहल मोदी के खिलाफ चल रही जांच में प्रगति के चलते हुई है।
नेहल मोदी की भूमिका और गिरफ्तारी
46 वर्षीय नेहल मोदी, जो बेल्जियम के नागरिक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने पीएनबी में हो रहे 13,600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीबीआई और ईडी ने उन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी मानते हुए उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। 2019 में, ईडी ने इंटरपोल से नेहल मोदी के खिलाफ रेड नोटिस जारी करने की अपील की थी, जिसमें उन्हें नीरव मोदी की मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में संलिप्त बताया गया था।
नेहल मोदी के खिलाफ आरोप
नेहल मोदी पर यह आरोप है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी के भागने में सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूतों को छिपाने में मदद की। ईडी का कहना है कि नेहल ने नीरव मोदी के घोटाले के बाद सबूत नष्ट करने के लिए डमी कंपनियों के निदेशकों के फोन भी नष्ट कर दिए थे। जांच में यह पाया गया कि नेहल ने दुबई और हॉन्गकॉन्ग में 15 से अधिक डमी कंपनियाँ स्थापित की थीं, जिनके जरिए पीएनबी से प्राप्त धन को इधर-उधर किया जा रहा था।
गिरफ्तारी के बाद की कार्रवाई
नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद, अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि भारत में उनके खिलाफ चल रही जांच और कार्रवाई पर ध्यान दिया जाएगा। अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। इस दौरान, नेहल जमानत के लिए आवेदन कर सकता है, जिसे अमेरिकी अभियोगी ने विरोध किया है।
पीएनबी घोटाले का प्रभाव
यह घोटाला भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक बड़ा दाग साबित हुआ है। इससे न सिर्फ वित्तीय संस्थानों की छवि को धक्का लगा है, बल्कि आम जनता का भी विश्वास घटा है। ईडी और सीबीआई द्वारा जारी की गई जांच रिपोर्ट ने इस घोटाले की वास्तविकता को उजागर किया है, जिसमें नेहल और नीरव मोदी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया गया है।
क्या अब नेहल मोदी पर गाज गिरने वाली है?
नेहल मोदी की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत में आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह दर्शाता है कि ऐसे अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आर्थिक अपराधियों के खिलाफ विशेष न्याय प्रणालियों की आवश्यकता है, ताकि देश की वित्तीय संस्थाएँ सुरक्षित रह सकें।
हमारी नजरें नेहल मोदी के खिलाफ चल रही कार्रवाई और इसके बाद के एक्शन पर हैं। निस्संदेह, यह मामला भारत के आर्थिक अपराधों के खिलाफ एक मजबूत कदम है।
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