उतराखंड युवाओं का गुस्सा: पेपर लीक के खिलाफ सचिवालय तक प्रदर्शन

उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया है। ऐसे में गुस्साए बेरोजगार आज सचिवालय कूच करने पहुंचे। युवाओं का सवाल है आखिर पेपर बाहर कैसे आया। गुस्साए युवाओं ने सड़कें जाम कर दी। दरअसल, यूकेएसएसएससी की परीक्षा रविवार सुबह 11 बजे […] The post फूटा युवाओं का गुस्सा, सड़कें जाम, उत्तराखंड बेरोजगार संघ का सचिवालय कूच appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

उतराखंड युवाओं का गुस्सा: पेपर लीक के खिलाफ सचिवालय तक प्रदर्शन
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्

उतराखंड युवाओं का गुस्सा: पेपर लीक के खिलाफ सचिवालय तक प्रदर्शन

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कम शब्दों में कहें तो उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए गुस्साए बेरोजगारों के प्रदर्शन के साथ सचिवालय कूच किया।

उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं का गुस्सा फूटा है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक होने का आरोप लगाया है। इस विवाद ने युवाओं को सड़कों पर ला दिया, जहां उन्होंने सचिवालय की ओर मार्च करते हुए अपना विरोध प्रकट किया।

युवाओं का सवाल: पेपर लीक कैसे हुआ?

इस प्रदर्शन में शामिल युवाओं का सवाल है कि आखिर यह पेपर लीक कैसे हुआ और क्या यूकेएसएसएससी इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगा। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दी हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है और भीड़भाड़ के कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नागरिकों पर पड़ता असर

देखा जा रहा है कि बड़े पैमाने पर सड़कों के जाम होने के कारण आम लोगों को कार्यालयों और अन्य स्थानों पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है। युवा अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें यह जानने का अधिकार है कि परीक्षा में ऐसी बेईमानी कैसे संभव हुई। वे राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्दी से जल्दी इस मामले की जांच होनी चाहिए।

प्रदर्शन का कारण

यूकेएसएसएससी की परीक्षा रविवार सुबह 11 बजे आयोजित की गई थी और इसी दौरान पेपर लीक होने का आरोप लगा। यह पहली बार नहीं है जब सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला सामने आया है, लेकिन इस बार युवाओं का आक्रोश अधिक स्पष्ट है।

राज्य का उत्तरदायित्व

भविष्य को देखते हुए, राज्य सरकार को इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से लाखों युवा अपना करियर बनाना चाहते हैं और ऐसे मामलों ने उनकी मेहनत को सवालों में डाल दिया है।

हर बार पेपर लीक की घटनाएं हमें जागरूक करने का मौका देती हैं कि हमें एक निष्पक्ष और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की आवश्यकता है। अगर इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो इससे आने वाले दिनों में कई युवा प्रभावित होंगे।

सामाजिक रोष

वर्तमान समय में, जब बेरोज़गारी की दर बढ़ रही है, ऐसे में सरकारी नौकरी की परीक्षा का पेपर लीक होना समाज में रोष का कारण बन रहा है। खासतौर पर उन युवाओं में जो प्रतियोगिता के इस दौर में अपनी मेहनत का पूरा हैसास करते हैं।

आंदोलन करने वाले युवा न केवल अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं, बल्कि वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।

इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित अधिकारियों को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और युवा बेरोजगारों की चिंताओं को समझना चाहिए।

युवाओं का यह प्रदर्शन एक संकेत है कि वे अब अपमान और अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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सादर,
साक्षी जोशी
Team Dharm Yuddh