दवा कंपनियो के रिप्रेजेंटेटिव ने एकत्र होकर जिलाधिकारी को सौंपा प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन
डिजिटल डेस्क- एटा में विभिन्न कंपनियों में कार्यरत मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एम आर जनपद मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होकर अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह को सौंपा।…

दवा कंपनियो के रिप्रेजेंटेटिव ने एकत्र होकर जिलाधिकारी को सौंपा प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन
डिजिटल डेस्क- एटा में विभिन्न कंपनियों में कार्यरत मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एम आर) ने जनपद मुख्यालय स्थित धरना स्थल पर एकत्रित होकर अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह को सौंपा। इस ज्ञापन में मुख्यतः कोविड-19 महामारी के बाद की आर्थिक स्थिति में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और दवा की उचित कीमतों की मांग की गई।
ज्ञापन का उद्देश्य
दवा कंपनियों के रिप्रेजेंटेटिव ने इस ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके समस्या के समाधान के लिए एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावी संदेश भेजा है। ज्ञापन में विभिन्न मुद्दों को उठाते हुए यह बताया गया कि कैसे दवा कंपनियों के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है और उन्हें अपने काम के लिए सक्षम वातावरण की आवश्यकता है। यह ज्ञापन इन मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स की दवा उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग
एम आर ने यह भी जोर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए उचित दिशा-निर्देश और नीति निर्धारण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "हमारे क्षेत्र में कार्यरत सभी मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स अपने काम को लेकर गंभीर हैं, लेकिन हमारी मांगों को नज़रअंदाज़ करना निराशाजनक है।" ज्ञापन में मांग की गई है कि सरकार चिकित्सा उद्योग के लिए पारदर्शिता और उचित नीतियों को लागू करे।
आर्थिक स्थिति पर चिंता
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि दवा कंपनियों की आर्थिक स्थिति महामारी के बाद से काफी खराब हुई है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल की बढ़ती कीमतों ने उनकी स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। एक एम आर के अनुसार, "हम केवल अपने काम की नहीं, बल्कि अपने परिवारों की भी चिंता कर रहे हैं।"
संविधानिक कार्रवाई की आवश्यकता
जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को उचित माध्यमों से सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, "आपकी आवाज़ महत्त्वपूर्ण है और इसे उचित मंच पर उठाया जाएगा।" यह बयान एटा में कार्यरत मेडिकल REPRESNTATIVES के लिए एक सकारात्मक संकेत है और इससे उन्हें उम्मीद है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।
निष्कर्ष
यह ज्ञापन न केवल दवा कंपनियों के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि यह हमें यह भी बताता है कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। एम आर द्वारा इस ज्ञापन के माध्यम से उठाए गए मुद्दे सभी कर्मचारियों की भलाई के लिए आवश्यक हैं। हमें उम्मीद है कि政府 कार्रवाई करेगा और इन मुद्दों का समाधान करेगा।
सभी दवा कंपनियों के रिप्रेजेंटेटिव की एकजुटता ने उनके सामर्थ्य को दिखाया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जब कर्मचारी एक साथ आते हैं, तो वे बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं।
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