अतिक्रमण कर रोड पर बनाया गेट; प्रशासन ने किया ध्वस्त
देहरादून: अपर नगर मजिस्टेªट अपूर्वा सिंह की देखरेख में जिला प्रशासन की टीम द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर किगए गए अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। विगत माह के अंतिम सप्ताह जनता दर्शन कार्यक्रम में सिरमौर किशननगर निवासी प्रदीप ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पिताजी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, सार्वजनिक […] The post अतिक्रमण कर रोड पर बनाया गेट; प्रशासन ने किया ध्वस्त appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

अतिक्रमण कर रोड पर बनाया गेट; प्रशासन ने किया ध्वस्त
देहरादून: अपर नगर मजिस्टेªट अपूर्वा सिंह की देखरेख में जिला प्रशासन की टीम द्वारा सार्वजनिक रास्ते पर किगए गए अतिक्रमण पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। विगत माह के अंतिम सप्ताह जनता दर्शन कार्यक्रम में सिरमौर किशननगर निवासी प्रदीप ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पिताजी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, सार्वजनिक रास्ते पर एक गेट होने के कारण एंबुलेंस को पहुँचने में कठिनाई हो रही है। इस जानकारी के बाद, जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया और प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।
प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम
प्रशासन की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण करना नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के खिलाफ है। एंबुलेंस और अन्य आपात सेवाओं के सही संचलन को देखते हुए, अवैध गेट को ध्वस्त करने की तुरंत कार्यवाही की गई। प्रशासन ने बताया कि ऐसे अतिक्रमणों को रोकने के लिए और सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
स्थानीकों ने इस कार्रवाई की सराहना की है और प्रशासन से मांग की कि भविष्य में ऐसी समस्याओं को पहले ही सुलझाया जाए। प्रदीप ने कहा, "हम प्रशासन के इस कदम से संतुष्ट हैं। यह न केवल हमारे परिवार के लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।" कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त की है और प्रशासन के निर्णय को सही ठहराया है।
भविष्य के लिए सख्त कदम
जिला प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा। कानून के अनुसार, सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि नागरिक बेवजह के अतिक्रमण से बच सकें।
निष्कर्ष
अतिक्रमण से संबंधित यह मामला यह दर्शाता है कि सामान्य जनता की समस्याओं को सुनने और त्वरित कार्रवाई करने से कैसे स्थिति को सुधारा जा सकता है। प्रशासन के इस कदम से न केवल प्रदीप और उनके पिता को राहत मिली बल्कि यह सभी नागरिकों के लिए एक सबक भी है कि अतिक्रमण न केवल कानून का अपमान है, बल्कि यह दूसरों की जिंदगी को भी प्रभावित कर सकता है।
अन्त में, प्रशासन ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह संदेश दिया है कि सार्वजनिक स्थानों का संरक्षण केवल जिम्मेदार नागरिकों का दायित्व नहीं है, बल्कि प्रशासन का भी प्राथमिक कार्य है।
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