‘योग संगम’ के तहत भारत सहित 191 देशों में मनाया जा रहा योग का महोत्सव, पीएम मोदी ने विशाखापट्टनम और निर्मला सीतारमण ने फरीदाबाद में किया योग
KNEWS DESK- 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आज पूरे उत्साह और भव्यता के साथ भारत समेत 191 देशों में मनाया जा रहा है। इस वर्ष आयोजन की थीम ‘योग संगम’ रही,…

‘योग संगम’ के तहत भारत सहित 191 देशों में मनाया जा रहा योग का महोत्सव
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今天,第11届国际瑜伽日以激情与辉煌的方式在印度以及191个国家庆祝。 今年的活动主题为“瑜伽大会”,意在全球范围内推动瑜伽实践和身心健康的融合。
प्रधानमंत्री मोदी का योग संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के महत्त्वपूर्ण शहर विशाखापट्टनम में इंटरनेशनल योग दिवस के अवसर पर आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान योगाभ्यास किया। उन्होंने इस विशेष दिन पर एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “योग न केवल हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाता है, बल्कि हमें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाता है।” पीएम मोदी ने भी योग को जीवन में आत्मिक और सामाजिक परिवर्तन लाने का साधन बताया।
निर्मला सीतारमण ने फरीदाबाद में किया योगाभ्यास
वहीं, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरीदाबाद में योग दिवस का प्रचार करते हुए योगाभ्यास किया। सीतारमण ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि योग से न केवल हमारी शारीरिक स्थिति सुधरती है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में योग को नियमित रूप से अपनाएँ।
‘योग संगम’ का महत्व
इस वर्ष की थीम ‘योग संगम’ ने योग के महत्व को और भी बढ़ाया है। यह न केवल भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर योग को समर्पित एक उत्सव में तब्दील हो गया है, जहां 191 देश शामिल हुए हैं। इस दिन का उद्देश्य लोगों को योग के सही लाभों के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपने जीवन में योग को शामिल करने के लिए प्रेरित करना है।
योग दिन की वैश्विक पहचान
यूनाइटेड नेशन्स ने 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा की थी, जिसका लक्ष्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना और शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना है। योग का यह महोत्सव अब हर साल विश्व स्तर पर मनाया जाता है, जिसमें विभिन्न देश और समुदाय अपने-अपने तरीकों से भाग लेते हैं।
योग का सामाजिक प्रभाव
योग का महोत्सव न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह समाज में एकजुटता और शांति की भावना भी फैलाता है। इस साल, विभिन्न संस्थाओं ने वर्कशॉप्स, ऑनलाइन सेशंस, और योगाभ्यास आयोजनों का आयोजन किया, जो समाज के सभी वर्गों को एकत्रित करने का महत्वपूर्ण साधन रहा।
निष्कर्ष
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने योग के प्रति लोगों के उत्साह और लगन को फिर से जीवित किया है। जातीय सीमाओं को पार करते हुए, विश्व ने देखा है कि योग मानवता के लिए एक गहरा प्रेरणा स्रोत बन सकता है। चलिए, हम सभी योग को अपने जीवन में शामिल करके शांति और स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ाएँ।
यह एक अद्भुत दिन है, जब हम दुनिया भर में एकजुट होकर योग के माध्यम से एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर होते हैं।
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