नकली सोने के घड़े के जरिए लूट करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों में बीएएमएस डॉ और वन विभाग का संविदा कर्मी जो नकली पुलिस वाला बना था सहित 3 गिरफ्तार एफएनएन, नानकमत्ता: नकली सोने का घड़ा दिखाकर लूट करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अमित रस्तोगी पुत्र स्व0 अनिल कुमार रस्तोगी निवासी कोठीवाल नगर निकट […] The post नकली सोने का घड़ा दिखाकर लूट करने वाले 3 अभियुक्त गिरफ्तार appeared first on Front News Network.

नकली सोने के घड़े के जरिए लूट करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
गिरफ्तार अभियुक्तों में बीएएमएस डॉ और वन विभाग का संविदा कर्मी जो नकली पुलिस वाला बना था सहित 3 गि�

नकली सोने के घड़े के जरिए लूट करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

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नानकमत्ता: पुलिस ने नकली सोने के घड़े दिखाकर लूट करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक बीएएमएस डॉक्टर और एक वन विभाग का संविदा कर्मी शामिल है, जो खुद को नकली पुलिस वाला बता कर लोगों को ठगने का काम कर रहे थे। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के निवासी अमित रस्तोगी द्वारा पुलिस को दी गई थी। उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी कि उनके साथ ठगी की गई है।

घटना का पूरा विवरण

अमित रस्तोगी, जो एक सुपरमार्केट में कंप्यूटर हार्डवेयर का व्यापार करते हैं, ने बताया कि फरवरी माह में जब वह नानकमत्ता गए थे, तब वहां पर एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें सोने का घड़ा दिखाने का आश्वासन दिया। जब वे उस व्यक्ति के घर पहुँचे तो अचानक कुछ लोग, जिनमें से दो पुलिस की वर्दी में थे, वहां घुस आए और उनके पैसे लूट लिए। पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की।

पुलिस का त्वरित और प्रभावी एक्शन

पुलिस ने घटना का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन किया और स्थानीय स्रोतों से जानकारी इकट्ठा की। टीम ने पता लगाया कि ये तीनों आरोपी विदौरा मझौला क्षेत्र के निवासी हैं और राजू रस्तोगी सुनार का काम करते हैं। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों के नाम हरजिन्दर उर्फ राजू, सर्वेश अग्रवाल और करनैल सिंह हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों के दिलचस्प बयानों का खुलासा

पुलिस पूछताछ में हरजिन्दर ने बताया कि उनकी गैंग में 10-12 सदस्य हैं, और पिछले कुछ महीने पहले उन्होंने थाना सितारगंज में 70 लाख रुपये की लूट करने की वारदात भी की थी। सर्वेश, जो स्वयं एक बीएएमएस डॉक्टर हैं, ने माना कि उन्होंने और हरजिन्दर ने मिलकर अमरूद के लालच में लोगों से ठगी की। करनैल ने बताया कि वह वन विभाग का संविदा कर्मी है और अपनी वर्दी का लाभ उठाकर लोगों को ठगने का कार्य करता था।

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया

पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों से 35,000 रुपये नकद और धोखाधड़ी के लिए उपयोग होने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं। तीनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। साथ ही, पुलिस ने अन्य गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए खोज जारी रखी है।

निष्कर्ष

यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि पुलिस की तत्परता और सक्रियता ठगी के मामलों में कितनी महत्वपूर्ण होती है। पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच की और सही समय पर कार्रवाई कर तीन अभियुक्तों को पकड़ा। इसके साथ ही, पुलिस ने मीडिया में उल्लेख किया है कि वे भविष्य में भी ऐसे ठगी के मामलों को सुलझाने में प्रतिबद्ध हैं।

कम शब्दों में कहें तो, यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाती है, लेकिन साथ ही यह बताती है कि पुलिस अपने कर्तव्यों के प्रति कितनी सजग है।

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