पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट का बंद होना: यात्री, नागरिकों की चुनौती और अमृत भारत योजना की चुनौतियाँ

गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। अमृत भारत योजना के तहत पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है, लेकिन स्टेशन

पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट का बंद होना: यात्री, नागरिकों की चुनौती और अमृत भारत योजना की चुनौतियाँ
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पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के मुख्य गेट का बंद होना: यात्री, नागरिकों की चुनौती और अमृत भारत योजना की चुनौतियाँ

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कम शब्दों में कहें तो, पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन का मुख्य गेट पिछले 6 महीनों से बंद है, जिससे रोज़ाना हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 15 दिन के भीतर गेट खुलवाने की मांग की है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

मौजूदा स्थिति और यात्रियों की समस्या

पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन, जो गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही क्षेत्र में स्थित है, पिछले 6 महीनों से गेट बंद होने के कारण यात्रियों के लिए समस्याओं का सबब बना हुआ है। इस स्टेशन का कायाकल्प 'अमृत भारत योजना' के तहत किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल तथा यात्री सुविधा के लिए इंतज़ार करना कई यात्रियों के लिए कठिन साबित हो रहा है। कई यात्री इस गेट के बंद होने के कारण अपना समय बर्बाद कर रहे हैं और उन्हें अलग-अलग मार्ग से स्टेशन पर पहुंचना पड़ रहा है।

स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया

स्थानीय नागरिकों ने इस समस्या को लेकर अपनी आवाज़ उठाई है। उन्होंने रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर 15 दिन के भीतर गेट को खुलवाने की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि इस स्थिति के कारण उन्हें रोज़ की यात्रा में बाधा आ रही है, और यदि उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

अमृत भारत योजना का प्रभाव

अमृत भारत योजना के तहत पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्टेशन की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ावा देना और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना है। हालाँकि, इस योजना के संचालन में प्रशासन की लापरवाही और अनुसंधान की कमी स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रही है। योजनाओं का कार्यान्वयन शानदार हो सकता है, लेकिन यदि यात्री सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया, तो कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती।

समाधान का क्या है रास्ता?

स्थानीय निवासियों और यात्रियों के अनुरोध पर, रेलवे प्रशासन को जल्दी ही कोई ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आम जनता का विश्वास बहाल करने के लिए उचित संवाद और कार्रवाई आवश्यक है। इसके अलावा, रेलवे प्रशासन को इस दिशा में कुछ समयसीमा निर्धारित करनी चाहिए ताकि यात्रियों को निश्चितता मिले और योजनाओं में देरी न हो। हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।

निष्कर्ष

सारांश में, पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन का मुख्य गेट बंद होने से हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है और यदि समाधान नहीं निकाला गया, तो वे उग्र आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं। भारतीय रेलवे को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए, अन्यथा ऐसे मुद्दे बार-बार उठेंगे जो प्रशासन की विश्वसनीयता को प्रभावित करेंगे।

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सादर,

टीम धर्म युद्ध

सुरभि शर्मा