भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुन अभिभूत हुए भक्तगण

रीठा महादेव शिवालय में शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ सीएनई रिपोर्टर रानीखेत क्षेत्र के प्राचीन एवं प्रसिद्ध श्री ऋषेश्वर रीठा महादेव मंदिर प्रांगण में शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ में छठे दिन भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन किया गया। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष रीठा महादेव शिवालय में शिव महापुराण रूद्र महायज्ञ क्षेत्रवासियों […] The post भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुन अभिभूत हुए भक्तगण appeared first on Creative News Express | CNE News.

भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुन अभिभूत हुए भक्तगण
रीठा महादेव शिवालय में शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ सीएनई रिपोर्टर रानीखेत क्षेत्र के प्राचीन एव�

भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुन अभिभूत हुए भक्तगण

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रानीखेत क्षेत्र के प्राचीन एवं प्रसिद्ध श्री ऋषेश्वर रीठा महादेव मंदिर में आयोजित शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ का छठा दिन भक्तों के लिए बेहद खास रहा। इस दिन भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुनकर भक्तगण अभिभूत हो गए। मंदिर प्रांगण में उपस्थित श्रद्धालुओं ने गूंजती भक्ति के बीच शिव की महिमा का अनुभव किया।

महायज्ञ का महत्व

शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ का उद्देश्य क्षेत्रवासियों को भगवान शंकर के प्रति भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि करना है। यह अनुष्ठान हर वर्ष रीठा महादेव शिवालय में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस महायज्ञ में अलग-अलग वर्ग के भक्त शामिल होते हैं, जो अपने परिवार और मित्रों के साथ आकर दिव्य अनुभव लेते हैं।

विवाह प्रसंग का वर्णन

विवाह प्रसंगों का वर्णन करते हुए प्रमुख यजमान ने कहा कि भगवान शंकर और देवी पार्वती का विवाह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि यह प्रेम, समर्पण और धैर्य का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कैसे देवी सती ने भगवान शंकर के प्रति अपने अनन्य प्रेम को अर्पित किया और अंततः उन्होंने पुनर्जन्म लेकर शिव से विवाह किया। यह कहानी भक्तों को प्रेरित करती है और उनके जीवन में सकारात्मकता लाती है।

भक्तों की भावनाएँ

शिव महापुराण के इस अद्भुत वर्णन ने सभी भक्तों के दिलों को छू लिया। 50 वर्षीय भक्त रमेश ने कहा, "जब मैं शिव के विवाह की कथा सुन रहा था, तो मुझे महसूस हुआ जैसे मैं उस समय का गवाह बन रहा हूँ। यह अनुभव जीवनभर याद रहेगा।" इसी तरह कई अन्य श्रद्धालुओं ने भी अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं और बताया कि यह प्रसंग उनके आत्मिक विकास में कैसे सहायक रहा।

समापन और आशा

महायज्ञ का समापन विभिन्न भक्ति गीतों और मंत्रों के पाठ के साथ हुआ। भक्तगण शिव की कृपा से अपने जीवन में सुख और समृद्धि की कामना के साथ घर लौटे। इस महायज्ञ ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत किया बल्कि समाज में एकता और सहयोग का संदेश भी दिया।

शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ के इस आयोजन ने क्षेत्रवासियों को एकजुट किया है और उनके बीच भारतीय संस्कृति की उज्ज्वल परंपराओं का प्रचार किया है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से हम अपने जीवन में अधिक सकारात्मकता और प्रेम ला सकते हैं।

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