राज्यपाल ने टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को किया सम्मानित
देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘टीबी मुक्त भारत अभियान’’ के अंतर्गत पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने टीबी रोगियों को गोद लेकर नियमित निगरानी और मानसिक संबल प्रदान कर रोगियों के स्वस्थ होने में […] The post राज्यपाल ने टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को किया सम्मानित appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

राज्यपाल ने टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को किया सम्मानित
देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित ‘‘टीबी मुक्त भारत अभियान’’ के अंतर्गत पुरस्कार समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने टीबी रोगियों को गोद लेकर नियमित निगरानी और मानसिक संबल प्रदान कर रोगियों के स्वस्थ होने में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया।
टीबी मुक्त भारत अभियान का महत्व
टीबी मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य भारत को टीबी मुक्त बनाना है और इसके माध्यम से सभी टीबी रोगियों की ठीक से देखभाल करना, उन्हें मानसिक सहेजना और उनके उपचार की प्रक्रिया को सरल एवं प्रभावी बनाना है। यह अभियान केंद्र सरकार के अंतर्गत चलाया जा रहा है और उत्तराखंड राज्य, इस पहल का एक अहम हिस्सा है।
राज्यपाल का मानवीय दृष्टिकोण
राज्यपाल ने अपने संबोधन में बताया कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा, "हम सबका यह कर्तव्य है कि हम टीबी रोगियों की समस्याओं को समझें और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करें।" राज्यपाल के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य और सहायता इन रोगियों के लिए सबसे अधिक आवश्यक है, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ अपने इलाज को जारी रख सकें।
सम्मानित व्यक्तियों की सूची
इस कार्यक्रममा, राज्यपाल ने उन लोगों को पुरस्कृत किया, जो टीबी मुक्त भारत अभियान में विशेष योगदान देकर न केवल रोगियों को सहारा दिया, बल्कि इस दिशा में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी सफल रहे। उन व्यक्तियों में सामाजिक कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और नर्सिंग स्टाफ शामिल थे।
सरकारी प्रयासों का योगदान
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों ने बताया कि सरकार टीबी के उपचार के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है, जिसमें रोगियों के लिए दवा की मुफ्त उपलब्धता और नियमित जांच को सुनिश्चित करना शामिल है। इसके अलावा, जागरूकता अभियानों का आयोजन भी किया जा रहा है ताकि समाज में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ सके।
विज्ञान और तकनीकी का समन्वय
राज्यपाल ने सुझाव दिया कि विज्ञान और तकनीकी का उपयोग कर टीबी जैसी बीमारियों का प्रबंधन करना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए तकनीक के माध्यम से मरीजों की ट्रैकिंग और इलाज की प्रक्रिया को खड़ा किया जा सकता है।
उपसंहार
राज्यपाल का यह कदम न केवल टीबी को समाप्त करने के लिए एक नई दिशा दिखाई देता है, बल्कि यह समाज में मानवता और करुणा का एक बेजोड़ उदाहरण भी है। यह अभियान निश्चित रूप से उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगा जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम कर रहे हैं। सभी को मिलकर इस गंभीर समस्या से लड़ना होगा ताकि भारत एक स्वस्थ और खुशहाल राष्ट्र बन सके।
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