जब DM बने शिक्षक, देखने वाले रह गए दंग, कौशांबी DM के इस अंदाज की हो रही तारीफ

अनिरूद्ध पांडे- यूपी के कौशाम्बी जिले के जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने जो किया, वह किसी औपचारिक निरीक्षण से कहीं आगे की बात थी। उन्होंने न सिर्फ विद्यालयों की स्थिति देखी,…

जब DM बने शिक्षक, देखने वाले रह गए दंग, कौशांबी DM के इस अंदाज की हो रही तारीफ
अनिरूद्ध पांडे- यूपी के कौशाम्बी जिले के जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने जो किया, वह किसी औपचारिक नि

जब DM बने शिक्षक, देखने वाले रह गए दंग, कौशांबी DM के इस अंदाज की हो रही तारीफ

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लेखकों: दीपिका शर्मा, साक्षी राव और पूजा मिश्रा

जब भी हम सरकारी अधिकारियों की बात करते हैं, तो अक्सर उनकी छवि औपचारिक होती है, लेकिन कौशांबी जिले के जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने इस धारणा को तोड़ने वाला एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है। हाल ही में उन्होंने विद्यालयों का दौरा करते हुए न केवल निरीक्षण किया, बल्कि प्रारंभिक विद्यालयों में अध्यापन का कार्य भी किया। उनके इस अनोखे अंदाज की चारों ओर चर्चा हो रही है।

DM का विद्यालय दौरा

DM हुल्गी ने विद्यालयों की स्थिति के निरीक्षण के दौरान बच्चों के साथ बैठकर पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने बच्चों को शैक्षणिक सामग्री प्रदान की और उन्हें पढ़ने में मदद की। यह न केवल शिक्षकों के समर्थन का प्रतीक था, बल्कि बच्चों के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी था।

बच्चों की मुस्कान और शिक्षकों की प्रेरणा

मधुसूदन हुल्गी के इस अनोखे प्रयास को देखकर विद्यालय के बच्चे बेहद उत्साहित दिखे। बच्चों की मुस्कान, उनकी खुशी और DM का शिक्षकीय अनुभव ने सभी को एक नई दिशा दी है। शिक्षकों ने भी इस पहल की सराहना की है और कहा है कि ऐसे प्रयास बच्चों में शिक्षा के प्रति कुछ नया लाते हैं।

समुदाय में समर्थन और प्रतिक्रिया

जिलाधिकारी की इस नई सोच पर स्थानीय समुदाय भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहा है। कई अभिभावक इस प्रयास को अनौपचारिक तरीके से शिक्षा की ओर एक कदम मानते हैं। उनका मानना है कि एक DM के रूप में शिक्षकीय अनुभव से बच्चों में पढ़ाई का उत्साह बढ़ेगा।

अंत में

कौशांबी DM मधुसूदन हुल्गी का यह शिक्षकीय अनुभव न केवल प्रशासनिक कामकाज का एक हिस्सा है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का प्रतीक भी है। उनकी पहल से यह सिखने को मिलता है कि सरकारी अधिकारी केवल औपचारिकता तक नहीं सीमित होते, बल्कि वे समाज के विकास में अत्यधिक प्रेरक और सहयोगी भी हो सकते हैं। इस तरह के उदाहरण निस्संदेह अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं।

कौशांबी DM के इस अनोखे अंदाज पर आप क्या सोचते हैं? अपनी राय हमें टिप्पणी में बताएं।

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