विद्यालयों में लगातार शिक्षण कार्य कर रहा है एससी-एसटी शिक्षक संघ
एसोसिएशन ने छात्रहित को दी प्राथमिकता सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा जहां एक ओर राजकीय विद्यालयों में चाक डाउन के कारण शिक्षण कार्य ठप पड़ा हुआ है, वहीं अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक संघ ने छात्रहित को सर्वोपरि मानते हुए विद्यालयों में नियमित उपस्थिति दर्ज कर शिक्षण कार्य जारी रखा है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय टम्टा, महामंत्री […] The post विद्यालयों में लगातार शिक्षण कार्य कर रहा है एससी-एसटी शिक्षक संघ appeared first on Creative News Express | CNE News.

विद्यालयों में लगातार शिक्षण कार्य कर रहा है एससी-एसटी शिक्षक संघ
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लेख लिखा है: नंदिता शर्मा, साक्षी अग्रवाल, टीम धर्मयुद्ध
शिक्षण कार्य जारी रखने की आवश्यकता
अल्मोड़ा: जहां एक ओर राजकीय विद्यालयों में चाक डाउन के कारण शिक्षण कार्य ठप पड़ा हुआ है, वहीं अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक संघ (SC-ST शिक्षक संघ) ने छात्रहित को सर्वोपरि मानते हुए नियमित उपस्थिति दर्ज कर शिक्षण कार्य जारी रखा है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय टम्टा ने बताया कि शिक्षकों का यह निरंतर प्रयास सभी छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को बचाने के लिए किया जा रहा है।
छात्रहित की प्राथमिकता
संघ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, "हमारे शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वे छात्रों की शिक्षा को प्रभावित न होने दें। जब अन्य विद्यालयों में अध्यापन ठप हो गया है, तब हम अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।" टम्टा ने बताया कि शिक्षकों ने नियमित कक्षाएं संचालित की हैं और यह सुनिश्चित किया है कि सभी बच्चे अपनी शिक्षा जारी रख सकें।
गणित और विज्ञान में विशेष ध्यान
शिक्षक संघ ने विशेष ध्यान दिया है कि गणित और विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों की बुनियादी समझ बनी रहे। शिक्षकों ने इस दौरान विविध सामग्रियों का उपयोग किया है, ताकि सीखने की प्रक्रिया को और अधिक आकर्षक बनाया जा सके। इसके अलावा, शिक्षकों ने छात्रों के साथ संवाद कायम करने और उनकी समस्याओं को सुनने पर भी ध्यान दिया है।
संघ का संगठनात्मक सहयोग
संघ की कड़ी मेहनत से ना केवल शिक्षण कार्य जारी है, बल्कि शिक्षकों के मनोबल को भी बढ़ावा मिला है। संगठन ने विभिन्न स्तरों पर सहयोग प्रदान किया है, जिससे शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि हुई है। इससे न केवल शिक्षकों को फायदा हुआ है, बल्कि छात्रों को भी एक सकारात्मक सीखने का वातावरण मिला है।
समुदाय की भागीदारी
इन प्रयासों में विद्यालय समुदाय की भागीदारी भी महत्वपूर्ण थी। माता-पिता और स्थानीय लोग शिक्षकों के इस काम को सराहते हुए उनके साथ खड़े हुए हैं। संघ ने भी सभी अभिभावकों से सहयोग की अपील की है और कहा है कि बच्चे की शिक्षा में अभिभावकों की भागीदारी ज़रूरी है।
निष्कर्ष
यह देखना रोमांचक है कि कैसे एससी-एसटी शिक्षक संघ ने छात्रहित को प्राथमिकता देते हुए, शिक्षा के इस कठिन समय में भी अपने कर्तव्यों को निभाया है। उनकी लगन और आत्मीयता न केवल बच्चों के भविष्य को संवार रही है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही है। ऐसे ही प्रयासों से हम शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बना सकते हैं और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रख सकते हैं।
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