जेल में बंद आबिद वहीं से गैंग को संचालित कर रहा, सावन में करने वाले थे खुराफात
एफएनएन, बरेली : सीबीगंज थाना क्षेत्र में कई वर्षों से खौफ का पर्याय बने हिस्ट्रीशीटर आबिद अली समेत पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। जेल में बंद आबिद वहीं से गैंग को संचालित कर रहा है। इन सबकी योजना सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी खुराफात करने की थी। […] The post जेल में बंद आबिद वहीं से गैंग को संचालित कर रहा, सावन में करने वाले थे खुराफात appeared first on Front News Network.

जेल में बंद आबिद वहीं से गैंग को संचालित कर रहा, सावन में करने वाले थे खुराफात
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एफएनएन, बरेली : सीबीगंज थाना क्षेत्र में कई वर्षों से खौफ का पर्याय बने हिस्ट्रीशीटर आबिद अली समेत पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है। जेल में बंद आबिद वहीं से गैंग को संचालित कर रहा है। ये सभी सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी खुराफात करने की योजना बना रहे थे।
आबिद अली और उसका गिरोह
युवाओं के बीच दबंगई के कारण भय का वातावरण उत्पन्न करने वाला आबिद अली कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। युवक अभिषेक कुमार सिंह ने आबिद को गैंग लीडर मानते हुए उसके भाई और बेटे समेत गिरोह में चार सदस्यों को शामिल किया है। ज्ञात हो कि आबिद पहले से ही हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद है। हालांकि, वह जेल की चारदीवारी से अपनी गैंग को नियंत्रित कर रहा है।
साल की सावन माह में खुराफात की योजना
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आबिद अली और उसका गिरोह सावन माह में कांवड़ यात्रा के समय उत्पात मचाने की योजना बना रहे थे। जैसे ही पुलिस को इस योजना की सूचना मिली, उन्होंने कार्रवाई शुरू की। सीबीगंज पुलिस ने कामयाबी से आबिद अली के भाई वाजिद अली और उसके गिरोह के एक सदस्य अमीर शाह को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह इलाके में दबंगई, मारपीट, धमकी, रंगदारी वसूली करने में संलिप्त था।
गिरोह के खिलाफ की गई कार्रवाई
पुलिस ने अब तक सभी आरोपियों के खिलाफ गैंग चार्ट तैयार किया और इसे जिला प्रशासन को भेज दिया। एसएसपी अनुराग आर्य ने इस पर कार्रवाई की हरी झंडी दिखा दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरोह की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है और जल्द ही उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।
हाईकोर्ट का फैसला
आबिद अली ने जिन्दगी में पहली बार हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल की, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया। न्यायालय ने आबिद को हिस्ट्रीशीटर मानते हुए उसकी याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय के इस फैसले ने पुलिस की ओर से की जा रही स्थायी कार्रवाई की मजबूती को साबित करती है।
निष्कर्ष
आबिद और उसके गिरोह के खिलाफ पुलिस की कोर कार्रवाई यही दर्शाती है कि सीबीगंज क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन कृतसंकल्पित है। आने वाले समय में, इन खुराफातियों के खिलाफ सख्त कानून की कार्रवाई की जाएगी। सभी का ध्यान इस पर है कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते रहेंगे।
आबिद अली की गाथा एक चेतावनी है कि आपराधिक गतिविधियों को पनपने नहीं दिया जाएगा, चाहे अपराधी कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों। इसके अलावा, यह घटना समझने में मदद करती है कि कांवड़ यात्रा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों के दौरान सामाजिक शांति और सौहार्द को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।