अराजकता : स्वतंत्रता सेनानी का तोड़ा शिलापट, शौचालय में फेंका
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। जिले के स्वतंत्रता सेनानी स्व. राम सिंह गड़िया का शिलापट तोड़कर शौचालय में फेंका है। दो साल से यह शिलापट गांव में स्थापित होने की बाट जोह रहा है। पंचायत भवन, स्कूल आदि स्थानों पर इसे लगाया जाना था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी इन्हें नहीं लगाया गया। शिलापट […] The post अराजकता : स्वतंत्रता सेनानी का तोड़ा शिलापट, शौचालय में फेंका appeared first on Creative News Express | CNE News.

अराजकता : स्वतंत्रता सेनानी का तोड़ा शिलापट, शौचालय में फेंका
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - dharmyuddh
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना में, जिले के स्वतंत्रता सेनानी स्व. राम सिंह गड़िया का शिलापट तोड़कर उसे शौचालय में फेंक दिया गया है। यह एक ऐसी घटना है जो न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति असम्मान को दर्शाती है, बल्कि हमारी सामुदायिक जिम्मेदारियों पर भी प्रश्न उठाती है। यह शिलापट पिछले दो वर्षों से गांव में अपनी स्थापना की बाट जोह रहा था।
शिलापट की स्थापना की प्रक्रिया
स्वतंत्रता सेनानी स्व. राम सिंह गड़िया का शिलापट पंचायत भवन, स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाना था। लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद भी इसे स्थापित नहीं किया गया। यह सवाल उठाता है कि प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने इस महत्वपूर्ण कार्य में इतनी देरी क्यों की? क्या यह हमारी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अवमानना है या सिर्फ एक प्रशासनिक विफलता?
घटना की जानकारी
घटना की जानकारी तब मिली जब स्थानीय residents ने शिलापट के टूटे हुए टुकड़ों को शौचालय में देखा। यह किसी भी सभ्य समाज के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है। लोग नाराज हैं और इस कार्य के पीछे की मंशा के बारे में प्रश्न उठा रहे हैं। क्या यह एक शरारत है या इससे कहीं अधिक गंभीर समस्या है? इस पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता है।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय नेता और निवासी इस घटना पर कड़ी निंदा कर रहे हैं। उन्होंने इसे शर्मनाक और अनुचित बताया है। उनकी मान्यता है कि इस तरह की घटनाएँ न केवल हमारी संस्कृति का अपमान करती हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी गलत संदेश देती हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति यह असम्मान हमें यह याद दिलाता है कि हम अपनी विरासत को कितनी गंभीरता से लेते हैं।
निष्कर्ष
स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति को सम्मान देने का कार्य केवल हमें नहीं, बल्कि भविष्य की जनरेशन को भी करना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी ऐसा कृत्य न हो जिससे उनकी मेहनत और बलिदान का अपमान हो। कृपया इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाएँ और स्थिति को सुधारने के लिए कार्य करें। घटना की जांच के बाद, हमें यह देखना होगा कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाता है।
इस घटना ने हमें यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को कैसे संरक्षित करना चाहिए। अगर हम इस पर ध्यान नहीं देंगे, तो हमारा इतिहास धीरे-धीरे भूला दिया जाएगा।
For more updates, visit dharmyuddh.com.