पंचायत सचिव तबादले में जिपं की मनमानी, सिंगल-सिंगल आदेश पर खेला जा रहा पोस्टिंग-अतिरिक्त प्रभार का खेल
पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पंचायत सचिव तबादले में जिला पंचायत पर मनमानी का आरोप लग रहा है. सिंगल-सिंगल आदेश पर पोस्टिंग

पंचायत सचिव तबादले में जिपं की मनमानी, सिंगल-सिंगल आदेश पर खेला जा रहा पोस्टिंग-अतिरिक्त प्रभार का खेल
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पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। पंचायत सचिव तबादले में जिला पंचायत पर मनमानी का आरोप लग रहा है। सिंगल-सिंगल आदेश पर पोस्टिंग और अतिरिक्त प्रभार का खेल खेला जा रहा है। गृह पंचायत से शिकायत के आधार पर हटाए गए सचिव को वापस गृह पंचायत में भेजा गया। अब सचिव को हटाने के लिए ग्रामीणों को जिला पंचायत सीईओ के पास साष्टांग करना पड़ रहा है। परेशान जिला पंचायत सदस्यों का कहना है कि हमने पहले ऐसी मनमानी कभी नहीं देखी।
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तबादले के आदेशों में नियमों की अनदेखी
जिला पंचायत द्वारा हाल के एक महीने में 30 से अधिक पंचायत सचिवों के तबादले और अतिरिक्त प्रभार का आदेश जारी किया गया है। हालांकि यह देखना दिलचस्प है कि जिला पंचायत सदस्यों ने इसे जिला पंचायत का "तबादला उद्योग" नाम तक दे दिया है। संजय नेताम, जो पिछले कार्यकाल में जिला पंचायत के उपाध्यक्ष रहे हैं, ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि सचिवों के तबादले के लिए नियम का पालन नहीं हो रहा है।
तबादलों पर उभरे सवाल
केस 1: मुंगिया पंचायत का मामला
विभिन्न मामलों में मुंगिया पंचायत के सचिव देवानंद बीसी को अचानक कदली मूड़ा पंचायत में भेजा गया, जिससे क्षेत्र के वार्ड पंच और ग्रामीण नाराज हैं। उन्होंने जिला सीईओ के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
केस 2: डूमाघाट में अनियमितताएं
उरमाल पंचायत के सचिव सत्यरंजन हंसराज को डूमाघाट में नियुक्त किया गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद एक और सचिव को वहां भेज दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि यह तबादला कैसे हो रहा है।
केस 3: त्रिवेंद्र-त्रिलोक का अदला-बदली
मैनपुर जनपद में त्रिवेंद्र और त्रिलोक के बीच अदला-बदली की गई, लेकिन बाद में एक आदेश में त्रिवेंद्र को उसके पुराने पंचायत का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया, जो कि भ्रष्टाचार के संकेत देता है।
सचिव संघ में गहमागहमी
जिला पंचायत द्वारा किए गए 20 से अधिक तबादले के आदेशों ने सचिव संघ के व्हाट्स ग्रुप में हड़कंप मचा दिया है। सचिवों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
सीईओ जीआर मरकाम का बयान
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीआर मरकाम ने कहा कि आरोप लगाना लोकतंत्र का हिस्सा है और सचिवों की कार्यप्रणाली के बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सरपंचों के अनुरोध पर काम करना पड़ रहा है।
निष्कर्ष
इस तरह के मनमानी तबादले से न केवल पंचायत सचिवों का मनोबल कम होता है, बल्कि ग्रामीणों में भी असंतोष पैदा होता है। इसे रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है कि जिला पंचायत में नए दिशा-निर्देश और प्रक्रियाएं लागू की जाएं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी तबादले नियमों के अनुसार हों और पंचायत सचिवों को उनकी योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाए।
लेखक: सुमन कुमारी, नेहा शर्मा, टीम धर्मयुद्ध