हंगामा : छेड़खानी प्रकरण पर भड़का आक्रोश, महिलाओं ने घेरा थाना
नाबालिग लड़की के साथ हुई थी गंदी हरकत दो रोज बाद भी आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी सीएनई रिपोर्टर, कपकोट। कपकोट थाना क्षेत्र में नाबालिग के साथ छेड़खानी करने वाले की गिरफ्तारी नहीं होने पर क्षेत्र की महिलाओं में रोष व्याप्त है। नाराज महिलाओं ने शनिवार को थाने का घेराव किया। पुलिस पर आरोपी को […] The post हंगामा : छेड़खानी प्रकरण पर भड़का आक्रोश, महिलाओं ने घेरा थाना appeared first on Creative News Express | CNE News.

हंगामा : छेड़खानी प्रकरण पर भड़का आक्रोश, महिलाओं ने घेरा थाना
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नाबालिग लड़की के साथ हुई घिनौनी हरकत के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से कपकोट थाना क्षेत्र की महिलाओं में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। मामले में दो दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे जनमानस में असंतोष फैल गया। इस नाराजगी को व्यक्त करते हुए महिलाओं ने शनिवार को कपकोट थाने का घेराव किया।
घटना का विवरण
यह मामला तब सामने आया जब एक नाबालिग के साथ छेड़खानी की गई। घटना के बाद से स्थानीय लोग और विशेषतः महिलाएं निराश हैं कि आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब तक पुलिस ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
महिलाओं का आक्रोश
महिलाओं ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर पुलिस थाने का घेराव किया। उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ तेज नाराजगी व्यक्त की और मांग की कि आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए। महिलाएं यह सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर आईं कि उनकी आवाज को सुना जाए। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएँ केवल बातचीत से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्रवाई से समाप्त हो सकती हैं।
पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन महिलाओं ने कहा कि यह केवल वादे हैं और जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे नहीं रुकेंगी। पुलिस पर सीमित कार्रवाई के आरोप भी लगाए जा रहे हैं और क्षेत्र में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
समाज के लिए एक चेतावनी
इस घटना ने न केवल कपकोट बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा है कि समाज को महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। बार-बार होने वाली इस प्रकार की घटनाएँ अब समाज के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं। महिलाओं की सुरक्षा के प्रति असंवेदनशीलता कोई समाधान नहीं है और इसके खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है।
निष्कर्ष
कपकोट की महिलाओं ने अपनी आवाज को प्रभावी ढंग से उठाया है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है। समाज के लिए यह आवश्यक है कि वे ऐसे मामलों में मजबूती से खड़े हों। हमें उम्मीद है कि प्रशासन जल्दी ही एक निर्णय लेगा और आरोपी को न्याय के कटघरे में लाएगा। महिलाओं के प्रति इस घोर उपेक्षा को समाप्त करने के लिए अब एकजुटता और कार्रवाई की आवश्यकता है।
नाबालिग लड़की के साथ हुई इस घटना को लेकर क्षेत्र में बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है, और अब यह समय है कि हम सभी इसे गंभीरता से लें।