जल संकट, कमी, समस्या का प्रोएक्टिव मोड में हो समाधान- डीएम

देहरादून: मुख्यमंत्री के सुशासन एवं जनसेवा संकल्प के तहत पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का त्वरित समाधान को लेकर जिला प्रशासन सर्तकता और सक्रियता से समस्याओं का निदान करने में जुटा है। विगत 14 अप्रैल से लेकर 25 जुलाई तक कंट्रोल रूम को पेयजल की 244 शिकायतें मिली है, जिसमें से 238 शिकायतों का समाधान […] The post जल संकट, कमी, समस्या का प्रोएक्टिव मोड में हो समाधान- डीएम appeared first on Pahadi Khabarnama पहाड़ी खबरनामा.

जल संकट, कमी, समस्या का प्रोएक्टिव मोड में हो समाधान- डीएम
देहरादून: मुख्यमंत्री के सुशासन एवं जनसेवा संकल्प के तहत पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का त्वर�

जल संकट, कमी, समस्या का प्रोएक्टिव मोड में हो समाधान- डीएम

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देहरादून: यूके में जल संकट पर चिंता बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री के सुशासन एवं जनसेवा संकल्प के तहत पेयजल आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर जिला प्रशासन सर्तकता और सक्रियता से समस्याओं का निदान करने में जुटा है। विगत 14 अप्रैल से लेकर 25 जुलाई तक कंट्रोल रूम को पेयजल की 244 शिकायतें मिली हैं, जिसमें से 238 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है।

जल संकट की बढ़ती चिंता

जल संकट की समस्या अब केवल एक बुनियादी मुद्दा नहीं रही, बल्कि यह स्वास्थ्य, विकास और पर्यावरण का भी एक महत्वपूर्ण पहलू बन चुकी है। जल का अभाव कई स्थानों पर न केवल लोगों की जिन्दगी को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह कृषि और उद्योग को भी भारी नुकसान पहुँचा रहा है। ऐसे में प्रशासन का proactive mode में आगे आकर समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है।

प्रशासन का सक्रियता का मोड

जिला प्रशासन ने पेयजल आपूर्ति को लेकर समस्या के त्वरित समाधान के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि कैसे शिकायतों का तेजी से समाधान किया जा रहा है। इसके लिए विशेष कंट्रोल रूम का गठन किया गया है, जो शिकायतों का त्वरित समाधान प्रस्तावित करता है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएँ देने के लिए जल सप्लाई की नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

आवश्यकता है सजगता की

जल संकट के समय में, यह आवश्यक है कि सभी नागरिक सजग रहे और जल के आवश्यक उपयोग के प्रति जागरूक रहें। लोगों को जागरूक करने के लिए जिला प्रशासन ने कई जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जो न केवल जल की बचत का संदेश देते हैं बल्कि लगे हाथ जल के महत्व को भी समझाते हैं। ऐसे अभियानों में जन-सहयोग को जोड़ना भी महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

जल संकट का समाधान केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। जिलाधिकारी ने सभी से अपील की है कि वे जल का लड़ाई में अपनी हिस्सेदारी निभाएं और जिले की जल आपूर्ति स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार को सहयोग दें।

कुल मिलाकर, यह जिला प्रशासन का proactive mode में जल संकट पर कार्य करना एक सकारात्मक संकेत है। यह इस बात की नींव डालता है कि अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो जल संकट जैसी गंभीर समस्या का समाधान संभव है।

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